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डेली न्यूज़

  • 02 Apr, 2019
  • 26 min read
अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत, यूरोप और ओशिनिया देशों के बीच आर्थिक संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने यूरोप और ओशिनिया देशों के राजदूतों और उच्‍चायुक्‍तों के साथ व्‍यापार एवं आर्थिक सहयोग पर चर्चा की।

पृष्ठभूमि

  • यूरोपीय और ओशिनिया देश प्रमुख व्यापारिक साझेदार होने के साथ ही भारत में निवेश के प्रमुख स्रोत भी हैं। इन देशों में बड़ी संभावनाएँ हैं जिनका लाभ आने वाले समय में उठाया जा सकता है।
  • 2017-18 के दौरान यूरोप के साथ भारत का व्यापार 130.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, इसके निर्यात एवं आयात दोनों क्षेत्रों में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की गई।
  • ओशिनियाई देशों में भारत ऑस्ट्रेलिया के लिये पाँचवा सबसे बड़ा निर्यातक बाज़ार है, भारत द्वारा आयात की जाने वाली कुछ प्रमुख वस्तुएँ जैसे- कोयला, सब्जी और सोना हैं।
  • भारत से ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में शोधित पेट्रोलियम, व्यवसायिक सेवाएँ और फ़ार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।
  • ओशिनिया देशों में न्यूज़ीलैंड भी भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण बाजार है, निर्यात के लिये विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स, रत्न, और गहने, मशीनरी और वस्त्र एवं परिधान शामिल हैं।
  • अप्रैल 2000 से दिसंबर 2018 तक भारतीय बाज़ार में ओशिनिया की कंपनियों द्वारा लगभग 1.2 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक का निवेश किया गया था।
  • ओशिनियाई क्षेत्रों में भारत के विदेशी एफडीआई का लगभग 1.7 प्रतिशत हिस्सा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, फिजी, न्यूज़ीलैंड और वानुआतु प्रमुख निवेश करने वाले देश हैं।

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भारत-यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक संबंध
India-European Union Economic Relations

  • 28 देशों के साथ यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा क्षेत्रीय व्यापार भागीदार है, जबकि 2015 में भारत यूरोपीय संघ का 9वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
  • 2007 के बाद से भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक द्विपक्षीय ब्रॉड-आधारित व्यापार और निवेश समझौते (Broad-based Trade and Investment Agreement- BTIA) पर बातचीत करने की प्रक्रिया चल रही है।

यूरोपीय संघ
European Union

  • यूरोपीय संघ 28 देशों की एक आर्थिक और राजनीतिक सहभागिता है। ये 28 देश संधि के द्वारा एक संघ के रूप में जुड़े हुए हैं जिससे कि व्यापार आसानी से हो सके और लोग एक-दूसरे से कोई विवाद न करें क्योंकि इकॉनमी का एक सिद्धांत है कि जो देश आपस में जितना ज़्यादा व्यापार करते हैं उनकी लड़ाई होने की संभावना उतनी ही कम हो जाती है।
  • यही कारण है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में यह कोशिश की गई कि सभी देश आर्थिक रूप से एक साथ आएँ और एकजुट होकर एक व्यापार समूह का हिस्सा बनें।
  • इसी व्यापार समूह की वज़ह से आगे चलकर 1993 में यूरोपीय संघ का जन्म हुआ। 2004 में जब यूरो करेंसी लॉन्च की गई तब यह पूरी तरह से राजनीतिक और आर्थिक रूप से एकजुट हुआ।
  • यूरोपीय संघ मास्ट्रिच संधि द्वारा बनाया गया था, जो 1 नवंबर, 1993 को लागू हुई थी।
  • एकल बाज़ार सिद्धांत (Single Market Principle) अर्थात् किसी भी तरह का सामान और व्यक्ति बिना किसी टैक्स या बिना किसी रुकावट के कहीं भी आ-जा सकते हैं एवं लोग बिना रोक टोक के नौकरी, व्यवसाय तथा स्थायी तौर पर निवास कर सकते हैं। फ्री मूवमेंट ऑफ़ पीपल एंड गुड्स यूरोपीय संघ की खासियत है।

भारत-यूरोपीय संघ के व्यापार संबंधी मुद्दे
Issues in India-EU Trade Relations

13 दौर की वार्ता के बाद भी BTIA ने अब तक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

बौद्धिक संपदा अधिकार: बौद्धिक संपदा सुरक्षा मानकों पर असहमति है। यूरोपीय संघ का मानना है कि भारत को बौद्धिक संपदा संरक्षण के कठोर मानदंडो को अपनाना चाहिये।

  • ऐसा कदम भारत के लोगों के स्वास्थ्य को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकता है क्योंकि इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित भारतीय दवा क्षेत्र हो सकता है।

टैरिफ में कमी: यूरोपीय संघ की प्रमुख मांग के अनुसार, भारत को यूरोपीय डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों, वाइन तथा अल्कोहल पर अपनी टैरिफ दरों को कम करना चाहिये।

  • डेयरी क्षेत्र और पोल्ट्री उद्योग में शुल्कों में कमी करने से भारतीय डेयरी उद्योग पर मुख्य रूप से रोज़गार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

सेवा क्षेत्र: भारत ने अपने हितों को ध्यान में रखकर लचीले नियमों, भारतीय सेवाओं तक अधिक पहुँच और भारतीय पेशेवरों के लिये एक आसान वीज़ा आवश्यकता की मांग की है। लेकिन यूरोप अपने क्षेत्र की बढ़ती बेरोज़गारी की समस्या को ध्यान में रखते हुए ऎसी अनुमति देने के बारे में सतर्क है।

भारत-ओशिनिया संबंध
India-Oceania Relations

  • ओशिनिया के साथ भारत के व्यापार संबंधों पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड का वर्चस्व रहा है।
  • 2016 में वस्तुओं और सेवाओं के मामले में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का व्यापार लगभग 15.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • 2017 में भारत, न्यूज़ीलैंड का 11वाँ सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार देश था, जिसका सामान और सेवाओं दोनों में कुल व्यापार 1.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • इन दोनों के अलावा भारत के भी फिजी और पापुआ न्यू गिनी सहित प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ महत्त्वपूर्ण व्यापारिक संबंध हैं।
  • 2012 में प्रशांत द्वीपसमूह के साथ भारत का व्यापार 228 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था।

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पैसिफिक आइलैंड फोरम
Pacific Island Forum (PIF)

  • भारत प्रशांत द्वीप फोरम (PIF) का गठन 1999 में 1971 में स्थापित पहले दक्षिण प्रशांत फोरम के उत्तराधिकारी के रूप में किया गया था।
  • PIF के तत्त्वावधान में क्षेत्रीय सहयोग लगातार बढ़ा है।
  • भारत, प्रशांत द्वीप फोरम (PIF) का एक संवाद भागीदार है।

भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग के लिये फोरम
Forum for India–Pacific Islands Cooperation (FIPIC)

  • नवंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री की फिजी यात्रा के दौरान भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग (FIPIC) के लिये फोरम का शुभारंभ किया गया था।
  • सदस्य देश - भारत और 14 प्रशांत द्वीप के देश, जैसे कि फिजी, कुक आइलैंड्स, किरिबाती, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नाउरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, टोंगा, तुवालु और वानुआतु।

भारत और प्रशांत द्वीप देशों (PICs) के व्यापार संबंधी मुद्दे

  • भारत और PIC के बीच व्यापार मे कमी का कारण इन द्वीपों में छोटी आबादी और बाज़ार के आकार के साथ-साथ भारत से उनकी दूरी है।
  • व्यापार संबंधों में सुधार के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदम

♦ भारत ने देश में प्रशांत द्वीप फोरम देशों के लिये व्यापार कार्यालय की स्थापना की है।
♦ नई दिल्ली में FIPIC व्यापार कार्यालय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास का समर्थन करेगा। यह कार्यालय प्रशांत द्वीपसमूह के लिये बाजार पहुँच में सुधार हेतु सहायता करेगा।

स्रोत- PIB


भारतीय अर्थव्यवस्था

परिवहन और विपणन सहायता योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय ने परिवहन और विपणन सहायता (Transport and Marketing Assistance- TMA) योजना के तहत लाभ प्राप्त करने का दावा करने के लिये एक विस्तृत प्रक्रिया प्रस्तुत की है, जिसका उद्देश्य कृषि निर्यात को बढ़ावा देना है।

प्रमुख बिंदु

  • हाल में सरकार ने यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कुछ देशों में कृषि संबंधी वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये परिवहन और विपणन सहायता योजना की घोषणा की, इससे कृषि उत्पादों के परिवहन और विपणन के लिये वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आसानी होगी।
  • इस योजना के अंतर्गत माल ढुलाई प्रभार के एक निश्चित हिस्से की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी और कृषि उपज के विपणन के लिये किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।
  • विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade- DGFT) ) ने निर्दिष्ट कृषि उत्पादों के लिये TMA प्राप्त करने हेतु प्रक्रिया और आयात-निर्यात फॉर्म जारी कर दिया है।
  • इस योजना में हवाई और समुद्री मार्ग (सामान्य और प्रशीतित दोनों कार्गो) द्वारा निर्यात के लिये माल ढुलाई और विपणन सहायता शामिल है।
  • इस प्रक्रिया के अनुसार, एक पंजीकृत और पात्र निर्यातक  जिसके पास निर्यात संवर्द्धन परिषद या कमोडिटी बोर्ड द्वारा जारी वैध पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाण पत्र (Registration Cum Membership Certificate- RCMC) हो, सहायता प्राप्त करने/दावा करने के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।

आवेदन की प्रक्रिया

  • आवेदन पत्र विदेश व्यापार महानिदेशालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है। एक निश्चित शुल्क के साथ इसे ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।
  • TMA पर दावे के लिये आवेदन त्रैमासिक आधार पर किया जाएगा।
  • अधिसूचना के अनुसार तिमाही के पूरा होने से एक साल की अवधि के भीतर ऑनलाइन दावे दर्ज किये जाने चाहिये।
  • आवेदन पत्र दाखिल करने के लिये जिन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है, उनमें शिपिंग या एयरवेज़ बिल, वाणिज्यिक चालान, लदान के ऑनबोर्ड बिल और लैंडिंग का प्रमाण शामिल हैं।
  • यह सहायता केवल कार्गो को शिपिंग करने वाले निर्यातक को दी जाएगी और उसके नाम पर भुगतान सामान्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किया जाएगा।
  • DGFT के अनुसार, यह योजना केवल EDI (इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज) बंदरगाहों के माध्यम से निर्यात के लिये स्वीकार्य है।

वर्तमान परिदृश्य

  • वर्तमान में यह 1 मार्च, 2019 से मार्च 2020 तक किये जाने वाले निर्यात के लिये उपलब्ध होगा।
  • इस योजना का लाभ उठाते हुए व्यापार विशेषज्ञों ने कहा कि इस योजना से भारत से कृषि निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।

उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य चाय, कॉफी और चावल जैसी कृषि वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देना तथा वैश्विक कृषि व्यापार में देश की हिस्सेदारी बढ़ाना है।
  • भारत के कृषि निर्यात बढ़ाने की बहुत बड़ी संभावना है। लेकिन निर्यात को बढ़ावा देने के लिये और अधिक वैश्विक कृषि बाज़ार तलाशने की ज़रूरत है।

स्रोत- बिज़नेस लाइन (द हिंदू)


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

पेट्रोलियम अपशिष्ट टॉलुईन का परिवर्तन: IIT मद्रास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास की दो-सदस्यीय टीम ने प्लैटिनम नैनोकैटलिस्ट (Platinum Nanocatalyst) का उपयोग करते हुए पेट्रोलियम अपशिष्ट-उत्पाद टॉलुईन से बेंजोइक एसिड बनाने में सफलता प्राप्त की है।

  • बेंजोइक एसिड का उपयोग खाद्य परिरक्षक (E210) और कवक एवं जीवाणु संक्रमण के लिये दवा के रूप में किया जाता है।
  • टॉलुईन एक उत्प्रेरक ‘बाईनेफ्थिल-स्टेब्लिश्ड प्लैटिनम नैनो पार्टीकल्स (Binaphthyl-stabilised Platinum Nanoparticles- Pt-BNP) की उपस्थिति में निश्चित एवं नियंत्रित ऑक्सीकरण के माध्यम से बेंजोइक एसिड में परिवर्तित हो जाता है।

ग्रीन ऑक्सीडेंट
Green oxidant

  • आमतौर पर कार्बनिक अभिक्रियाओं के संचालन में विलायक के रूप में कार्बनिक विलायक का उपयोग किया जाता है, जो इसे महँगा बनाता है और विषाक्त अपशिष्ट भी उत्पन्न करता है।
  • इस नई प्रक्रिया में रसायन विज्ञान विभाग की टीम ने इस प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिये पानी को विलायक के रूप में उपयोग किया है।
  • इसके अलावा ग्रीन ऑक्सीडेंट (70% एक्वस टर्शिअरी-ब्यूटाइल हाइड्रोपरॉक्साइड या TBHP) का उपयोग टॉलुईन को बेंजोइक एसिड में परिवर्तित करने के लिये किया जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • आमतौर पर टॉलुईन के ऑक्सीकरण में चार उत्पाद बेंजोइक एसिड, अल्कोहल, एल्डिहाइड और एस्टर प्राप्त होते हैं। लेकिन जब उत्प्रेरक (बाईनेफ्थिल-स्टेब्लिश्ड प्लैटिनम नैनोपार्टीकल्स) की उपस्थिति में इसका ऑक्सीकरण कराया जाता है तो केवल बेंजोइक एसिड का उत्पादन होता है।
  • टीम द्वारा विकसित यह उत्प्रेरक द्वारा रासायनिक अभिक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।
  • आमतौर पर प्लैटिनम नैनोपार्टिकल्स प्रकृति में स्थाई अवस्था में प्राप्त नहीं होते हैं क्योंकि वे एग्लोमेरेट (Agglomerate-संकुलन) करके मैक्रोपार्टिकल्स बन जाते हैं। फलस्वरूप उत्प्रेरक गतिविधि कम हो जाती है।
  • बाईनैफ्थिल जो प्लैटिनम नैनोपार्टिकल्स से बंधा होता है, एक स्टेबलाइजर के रूप में काम करता है और नैनोपार्टिकल्स के संकुलन/ढेर (Agglomerate) बनने की प्रक्रिया को रोकता है।
  • आमतौर पर जब टॉलुईन को ऑक्सीकरण करके बेंजोइक एसिड प्राप्त किया जाता है तो ऑक्सीजन अणु अकेले टॉलुईन का ऑक्सीकरण नहीं करता है परिणामस्वरूप कोई भी बेंजोइक एसिड नहीं बनता है।
  • इसलिये शोधकर्त्ताओं ने एक ऑक्सीडाइज़र (Oxidiser) के रूप में TBHP का इस्तेमाल किया। उत्प्रेरक TBHP के साथ ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया शुरू करने के लिये प्रतिक्रिया करता है, जहाँ टॉलुईन प्रतिक्रिया चरणों की एक श्रृंखला के माध्यम से बेंजोइक एसिड में परिवर्तित हो जाता है।

आर्थिक संयोजन

  • इस रूपांतरण के लिये अकेले TBHP का उपयोग करने पर TBHP (TBHP का एक भाग टॉलुईन का चार भाग) की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है जो आर्थिक रूप से अनुकूल नहीं है।
  • अतः उपयोग किये जाने वाले TBHP की मात्रा को कम करने के लिये शोधकर्त्ताओं ने आणविक ऑक्सीजन (Molecular Oxygen) का भी उपयोग किया।
  • आणविक ऑक्सीजन की उपस्थिति में रूपांतरण के लिये TBHP के केवल दो भागों की आवश्यकता होती है। आणविक ऑक्सीजन सस्ती है, इसलिये TBHP के साथ इसका उपयोग लागत को कम करने में मदद करता है।
  • आणविक ऑक्सीजन के साथ-साथ TBHP के उपयोग से भी बेंजोइक एसिड के उत्पादन में वृद्धि हुई है।

स्रोत- द हिंदू


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (02 April)

  • तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चिली की राजधानी सेंटियागो पहुँचे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने चिली में अपने समकक्ष सेबेस्टियन पिनेरा से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई। इसके बाद दोनों देशों ने खनन, संस्कृति व अन्य क्षेत्र में तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये। साथ ही दोनों देश सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने और उसे समाप्त करने की दिशा में वैश्विक कार्रवाई को मजबूत करने के लिये एक साथ काम करने को सहमत हुए। आपको बता दें कि सैंटियागो में प्लाजा डे ला इंडिया में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और रबींद्र नाथ टैगोर की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। राष्ट्रपति कोविंद चिली की यात्रा करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति हैं।
  • केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चंद्रशेखर की अध्यक्षता में एक ट्रिब्यूनल गठित किया है जो इस बारे में निर्णय लेगा कि क्या जमाते इस्लामी जम्मू-कश्मीर तथा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन मलिक (JKLF-Y) पर प्रतिबंध लगाने के समुचित कारण हैं। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून, 1967 की धारा 5 की उपधारा 1 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह ट्रिब्यूनल बनाया गया है। न्यायाधिकरण को यह देखना है कि जमाते इस्लामी जम्मू-कश्मीर और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन मलिक धड़ा गैरकानूनी संगठन है या नहीं। आपको बता दें कि इन दोनों संगठनों को आतंकी संगठनों के साथ करीबी संपर्क और अलगाववादी गतिविधियाँ चलाने की वज़ह से क्रमश: 28 फरवरी और 22 मार्च को गैरकानूनी घोषित किया गया था।
  • नेपाल निवेश शिखर सम्मेलन-2019 के दौरान नेपाल ने भारत को पनबिजली, सड़क एवं राजमार्ग और होटल उद्योग क्षेत्रों में निवेश के लिये आमंत्रित किया है। नेपाल निवेश बोर्ड  (IBN) के अनुसार,  उनके देश में सड़क एवं राजमार्ग, पनबिजली इत्यादि क्षेत्रों में व्यापक कारोबारी संभावनाएँ मौजूद हैं। आपको बता दें कि IBN नेपाल की एक उच्चस्तरीय एजेंसी है, जिसका मुख्य लक्ष्य निवेश अनुकूल माहौल तैयार कर नेपाल का आर्थिक विकास करना और इसके लिये घरेलू तथा विदेशी निवेश आकर्षित करना है। प्रधानमंत्री खड़ग प्रसाद ओली IBN के अध्यक्ष हैं।
  • 1 अप्रैल को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में सुबह दो घंटे के भीतर मध्यम दर्जे की तीव्रता वाले भूकंप के नौ झटके महसूस किये गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप का पहला झटका सुबह 5.14 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 थी। इसके कुछ ही मिनटों के भीतर 5 तीव्रता वाले अन्य झटके महसूस किये गए। भूकंप का आखिरी झटका सुबह 6:54 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 5.2 मापी गई। गौरतलब है कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र मना जाता है।
  • जापान में रेलगाड़ियों की ऊर्जा मांग को कम करने और आपातकालीन बैकअप बिजली प्रदान करने के लिये टेस्ला ने एशिया में अपनी सबसे बड़ी बिजली भंडारण प्रणाली विकसित की है। टेस्ला ने जापान के ओसाका में एक ट्रेन स्टेशन पर 42 पावरपैक का एक बैंक स्थापित किया है, जो बिजली न होने की स्थिति में ट्रेन और उसके यात्रियों को निकटतम स्टेशन तक सुरक्षित रूप से ले जाने के लिये पर्याप्त बैकअप पावर प्रदान कर सकता है। इसे जापान के एक रेलवे ऑपरेटर किंत्सु के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।
  • 31 मार्च की रात स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 51 मिनट पर चीन ने तायानिलियन-2-1 नामक नई पीढ़ी के एक उपग्रह को दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत के शिछांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इस उपग्रह को लॉन्ग मार्च-3C रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया। इस रॉकेट का विकास चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन ने किया है। यह ट्रंक डेटा व्यवस्था का पहला उपग्रह है, जो मानवयुक्त अंतरिक्ष यान, उपग्रह, रॉकेट, तथा गैर-अंतरिक्ष यान उपयोगकर्त्ताओं को डेटा रिले, निगरानी व नियंत्रण और परिवहन आदि सेवाएँ दे सकेगा। यह एक बहुउद्देश्यीय नेटवर्क है, जो तेज़ डेटा ट्रांसफर सेवा क्षमता के साथ मध्यम और निम्न पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।
  • ICC टेस्ट चैंपियन को दी जाने वाली गदा अपने पास बरकरार रखने में भारतीय टीम लगातार तीसरे साल सफल रही है। इसके साथ ही टीम को इनाम के तौर पर 10 लाख डॉलर मिले। भारतीय टीम 1 अप्रैल की कटऑफ तारीख को टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर रही। न्यूज़ीलैंड की टीम 108 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही और उसे 5 लाख डॉलर का इनाम दिया गया। टीम के कप्तान केन विलियमसन को ICC स्प्रिट ऑफ क्रिकेट 2018 का खिताब भी दिया गया। पिछले दो सत्रों में दूसरे स्थान पर रही साउथ अफ्रीका की टीम 105 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रही और उसे 2 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि मिली। ऑस्ट्रेलिया दशमलव अंक की गणना के आधार पर इंग्लैंड को पछाड़ कर चौथे स्थान पर रहा जिसे 1 लाख डॉलर का इनाम मिला।
  • मलेशिया के इपोह में खेले गए 28वें अजलन शाह कप के फाइनल में दक्षिण कोरिया ने पेनाल्टी शूट आउट में भारत को 4-2 से पराजित कर ख़िताब जीत लिया। विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान वाले दक्षिण कोरिया ने विश्व रैंकिंग में पाँचवें स्थान वाली भारतीय टीम को छठी बार खिताब जीतने से वंचित कर दिया। निर्धारित समय में स्कोर 1-1 से बराबर रहने के बाद मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ। भारत 1985, 1991, 1995 और 2009 में यह खिताव जीत चुका है तथा 2010 में दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त विजेता रहा था। तीसरे स्थान के लिये हुए मुकाबले में मेजबान मलेशिया ने कनाडा को 4-2 से हराया। 

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