भागदौड़ भरी ज़िंदगी में ऐसे रखें अपनी सेहत का ध्यान
- 06 Sep, 2022 | शालिनी बाजपेयी
इस लेख में हम आपको बताएँगे कि व्यस्त जिंदगी में अपने स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें।
हम सब चाहते हैं कि हमारे पास बड़ा घर, अच्छी गाड़ी, ब्रांडेड कपड़े और सुख तथा विलासिता देने वाली सभी चीजें हों, और इन्हीं चीजों का सुख भोगने व दूसरों की नज़र में बड़ा बनने के लिये हम दिन-रात ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाने की होड़ में लगे रहते हैं। हम पैसा इकट्ठा करके ईंट-पत्थर का बड़ा घर तो बना लेते हैं लेकिन अपने शरीर रूपी घर को स्वस्थ व मजबूत बनाने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते। हम अपने लिये यह सोचने का भी समय नहीं निकाल पाते कि जिस शरीर से हम इतना काम लेते हैं उसे पर्याप्त ईंधन यानी पौष्टिक आहार मिल रहा हैं या नहीं। लगातार अपनी सेहत को नज़रअंदाज करने का परिणाम यह होता है कि धीरे-धीरे हमारा शरीर जर्जर हो जाता है और कई तरह की बीमारियाँ जकड़ लेती हैं। अगर आप भी संतुलित भोजन न खाकर केवल तली-भुनी व मसालेदार चीजों को पसंद करते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब आप डायबिटीज, मोटापा और अस्थमा जैसी तमाम बीमारियों से ग्रसित होकर अस्पताल के चक्कर काट रहे होंगे। समय रहते सेहत के प्रति सचेत होना ज़रूरी है इसलिये यहाँ हम कुछ सुझाव देने जा रहे हैं जो आपको भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ रखने में मदद करेंगे। तो चलिये जानते हैं कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल-
1- साधारण नाश्ते को दें प्राथमिकता
बीमारियों से बचने व शरीर को लंबे समय तक ऊर्जावान बनाये रखने के लिये आपको नाश्ते में विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले पदार्थ खाने चाहिये। आप सुबह के समय नाश्ते में दलिया, ओटमील, अंकुरित दालें, अण्डा, सेब, संतरा, पपीता, केला और तारबूज़ को शामिल कर सकते हैं। नाश्ते में रोज़ाना अलग-अलग तरह की चीजें शामिल करें जिससे शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते रहें। यह भी ध्यान रखें कि अपने दिन की शुरुआत गर्म नींबू पानी के साथ करें। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और पाचन तंत्र को मज़बूत करता है।
2- खूब पानी पियें
व्यस्तता के चलते अक्सर लोग पानी पीना भूल जाते हैं जो कि शरीर के लिये ठीक नहीं है। अगर आप पानी कम पीते हैं तो आपका मस्तिष्क कुशलता से काम नहीं करेगा, जिससे काम करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है। खुद को हाईड्रेटेड रखने के लिये पानी की बोतल हमेशा साथ रखें। मोबाइल में मौजूद विभिन्न एप्लिकेशन आपको समय-समय पर पानी पीने की याद दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
3- बेहतर प्रोटीन या ग्रेनोला बार चुनें
कई लोग व्यस्त होने के चलते एनर्जी बार का सेवन करते हैं। इन एनर्जी बारों में मौजूद पोषक तत्त्व शरीर को अच्छी तरह से काम करने के लिये पर्याप्त ऊर्जा प्रदान नहीं करते हैं इसलिये जहाँ तक संभव हो भोजन के स्थान पर इन बारों का प्रयोग न करें। ये बार स्नैक्स की तरह होते हैं जो शरीर को थोड़े समय के लिये ही ऊर्जा प्रदान करते हैं। एनर्जी बार खरीदते समय सावधानी बरतें। आप जिस बार को खरीद रहे हैं उसकी सामग्री सूची की जाँच अवश्य कर लें। इससे भी बेहतर यह होगा कि अपने स्वाद के अनुसार घर पर ही बार बना लें और उन्हीं का सेवन करें।
4- अपने खुद के स्नैक्स पैक करें
अगर आप लंबी यात्राएँ करते हैं या लंबे वक्त तक लगातार काम करते हैं तो आप दिन में खाने के लिये फल, सब्जियाँ या नट्स पैक कर सकते हैं। बादाम मक्ख़न के साथ सेब के टुकड़े और ट्रेल मिक्स जैसे स्नैक्स आपके लिये बेहद फायदेमंद होंगे। जब आप स्नैक्स खुद बनाते या पैक करते हैं तो इससे पहला लाभ यह होगा कि बाहर आपके पैसों की बचत होगी और दूसरा महत्त्वपूर्ण लाभ यह होगा कि आप ज़्यादा खाने या कम पोषक तत्त्वों वाले भोजन को करने से बच जाएँगे।
5- रेस्तरां में भी खाएँ पौष्टिक खाना
कभी-कभी खाना बनाने के लिये पर्याप्त समय नहीं होता है या बनाने का मन नहीं होता है जिससे लोग रेस्तरां में खाना पसंद करते हैं। रेस्तरां में ऐसे व्यंजन चुनने की कोशिश करें जिनमें ज्य़ादातर सब्जियाँ और साबुत अनाज हों। इसके साथ ही संतुलित भोजन बनाने के लिये अलग-अलग प्रकार के अन्य व्यंजनों को जोड़ सकते हैं। एक स्वस्थ प्लेट में 35-45% कार्बोहाइड्रेट, 30-40% प्रोटीन एवं 15% वसा होनी चाहिये। भोजन ऑर्डर करते समय पोषण लेबल और संघटक सूची (ingredient list) को ज़रूर पढ़ें।
6- प्रतिदिन एक ही समय पर भोजन करें
जब हमारे पास कई काम होते हैं तो हम योज़ना बनाकर एक-एक काम समाप्त करते हैं जिससे सही समय पर सभी काम पूरे हो जाएँ और हम तनावमुक्त रहें। इसी तरह भोजन करने की भी एक योजना होनी चाहिये क्योंकि हमारे शरीर की चयापचय प्रक्रियाएँ जैसे भूख, पाचन और पोषण का प्रसंस्करण एक पैटर्न का पालन करती हैं। अनिश्चित समय पर खाने से यह पैटर्न बाधित होता है। इससे मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह योजना अच्छी तरह से बनाएँ ताकि भोजन के दौरान आपको ज़ल्दबाजी करने या अस्वास्थ्यकर विकल्प चुनने की ज़रूरत न पड़े। हर दिन एक ही समय पर भोजन करने से आपका समग्र स्वास्थ्य सही रहेगा।
7- रात को सोने से 2 घंटे पहले करें भोजन
रात को सोने से कम से कम दो घंटे पहले भोजन करना स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है। इससे आपको रात में अच्छी नींद आएगी और अगले दिन भी आप तरोताज़ा महसूस करेंगे। साथ ही यह भूख को संतुलित करने, वजन बढ़ने से रोकने व स्वस्थ आहार संबंधी आदतों का निर्माण करने में मदद करता है। हालाँकि कई बार अधिक व्यस्त होने के चलते ज़ल्दी डिनर करना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में सूर्यास्त के बाद कार्बोहाइड्रेट्स लेने से बचें; इसके स्थान पर आप मौसमी फल और सब्जियाँ, दाल, छाछ और सूप का सेवन करें।
8- कैफीन का सेवन करें कम
कई लोग काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में कॉफी पीने के आदी होते हैं। कैफीन एक बेहतर सप्लीमेंट है जिसे कम मात्रा में लेने से सतर्कता और उत्पादकता बढ़ती है। लेकिन कॉफी की अधिक मात्रा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह एक उत्तेजक के रूप में कार्य करती है। कॉफी के स्थान पर ग्रीन टी, ब्लैक टी या नींबू पानी लेना फायदेमंद होगा। ये पेय आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद करेंगे। इसके अलावा, तुरंत ऊर्जा पाने के लिये आप कद्दू या सूरजमुखी के बीज और कुछ नट्स का उपयोग नाश्ते के रूप में कर सकते हैं।
9- एकाग्र होकर करें भोजन
खाना खाते समय भी काम करना और खान-पान पर ध्यान न देना आपकी सेहत के लिये हानिकारक हो सकता है। यदि आप टीवी देखते हुए, मोबाइल या लैपटॉप चलाते हुए खाना खाते हैं तो इससे आप भूख से ज़्यादा खा (Overeating) सकते हैं। इसलिये ध्यान दें कि आप क्या खा रहे है। खाने का आनंददायक अनुभव आपको ताज़ा महसूस कराएगा और आप अधिक उत्साह के साथ काम पर वापस लौट सकेंगे।
10- रिमाइंडर लगाएँ
अगर आप हर काम को योजना बनाकर करना पसंद करते हैं तो अपने स्नैक या भोजन करने की याद दिलाने के लिये भी समय स्लॉट सम्मिलित करना न भूलें। अपने प्लानर या कैलेंडर में रिमाइंडर लगाएँ। यह नोट आपको कुछ खाने के लिये याद रखने में मदद करेगा, भले ही आप इधर-उधर दौड़ने, घर या दफ़्तर के काम में व्यस्त हों। स्नैक ब्रेक होने से आपको ब्रेक लेने में भी मदद मिलेगी और घंटों की कड़ी मेहनत के बाद आपके दिमाग को एक पल के लिये आराम मिल जाएगा।
➢ भारत के लोग स्वास्थ्य पर करते हैं बहुत कम खर्च
यह भी जानना बेहद ज़रूरी है कि भारत के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर कितना ज़ागरुक हैं? भारत में औसतन प्रति व्यक्ति अपने स्वास्थ्य पर साल भर में केवल 13950 रुपये खर्च करता है जबकि अमेरिका में यही आँकड़ा 1.42 लाख रुपये, फ्रांस में 64 हज़ार रुपये, ब्रिटेन में 72 हज़ार रुपये, कनाडा में 1 लाख 20 हज़ार रुपये और चीन में 26 हज़ार रुपये है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने का ही नतीज़ा हैं कि आज भारत में हर 100 में से 12 लोगों को डायबिटीज, साढ़े चार करोड़ लोगों को हृदय से जुड़ी बीमारियाँ, 2 करोड़ लोगों को अस्थमा और करीब 3 करोड़ लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं।
यहाँ के लोग व्यायाम को भी ज़्यादा महत्त्व नहीं देते हैं। एक सर्वे के मुताबिक भारत में 36 प्रतिशत लोग ही प्रतिदिन व्यायाम करते हैं। यही नहीं, आज देश में 74 प्रतिशत लोग तनाव और 88 प्रतिशत लोग चिंता (Anxiety) के शिकार हैं।
हमारे बुज़ुर्ग कहते हैं 'नहाए के बाल और खाए के गाल अलग नज़र आ जाते हैं' यानी आपका शरीर ही बता देता है कि आपका खान-पान कैसा है। पौष्टिक भोजन करने वाले व्यक्ति के चेहरे पर अलग ही चमक दिखाई देती है। इसलिये भले ही खाना कम खाएँ लेकिन संतुलित खाएँ। साथ ही जिस तरह से हम अपनी गाड़ी, घर व अन्य ज़रूरी चीज़ों की समय-समय पर मरम्मत कराते रहते हैं वैसे ही समय-समय पर अपने शरीर की भी जाँच कराते रहें। स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है और इस धन को बचाये रखने के लिये आपको खाने में वें तमाम ज़रूरी पोषक तत्त्व शामिल करें जिनकी आपके शरीर को ज़रूरत है।
स्रोतhttps://uhs.berkeley.edu/news/tips-eating-healthy-busy-schedule https://thriveglobal.com/stories/12-best-healthy-eating-tips-for-busy-professionals/ |
शालिनी बाजपेयी(शालिनी बाजपेयी यूपी के रायबरेली जिले से हैं। इन्होंने IIMC, नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा करने के बाद जनसंचार एवं पत्रकारिता में एम.ए. किया। वर्तमान में ये हिंदी साहित्य की पढ़ाई के साथ साथ लेखन का कार्य कर रही हैं।) |