विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ
- 28 Feb, 2023 | अजय प्रताप तिवारी
अनादि काल से भारत में विज्ञान की परम्परा विद्यमान रही है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई से मिले साक्ष्य इस बात का प्रमाण हैं कि उन लोगों में विज्ञान की समझ थी। प्राचीन काल में भारत में विज्ञान की सबसे बड़ी उपलब्धियों में महर्षि सुश्रुत के द्वारा खोजी गई शल्य चिकित्सा है, दुनिया आज उन्हें ‘फादर ऑफ सर्जरी‘ मानती है। नागार्जुन ने रसायन विज्ञान को जन्म दिया। मनुष्य और विज्ञान का विकास एक साथ होता है। वेबर कहते हैं कि- ‘ दर्शन के बिना विज्ञान वैसा है जैसे एकता या संगठन के बिना कोई समूह, आत्मा के बिना शरीर, इसी प्रकार विज्ञान के बिना दर्शन ऐसा है, जैसे शरीर के बिना आत्मा।‘ धातु विज्ञान ,वस्त्र निर्माण, भवन निर्माण और परिवहन व्यवस्था का विकास सिन्धु सभ्यता के समय हो चुका था। भारत की प्राचीनकाल की उपलब्धियों से लेकर चन्द्रयान के प्रक्षेपण तक सफलताओं का एक लम्बा इतिहास रहा है। विज्ञान के क्षेत्र में भारत अपनी अनगिनत उपलब्धियों के चलते ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 में 40वें स्थान पर है। अमेरिका के ‘नेशनल साइंस फाउंडेशन‘ के साइंस एंड इंजीनियरिंग इंडिकेटर्स 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भारत वैज्ञानिक प्रकाशन के क्षेत्र में विश्व में तीसरे स्थान पर है। भारत ने विज्ञान के सभी क्षेत्रों में कृतिमान स्थापित किया है लेकिन आज हम विज्ञान की जिन प्रमुख उपलब्धियों पर बात करेगें वे कुछ इस प्रकार हैं:
रक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
आधुनिक युग में सबसे शक्तिशाली देश वह है जिसने अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया है। स्वीडन स्थित थिंक टैंक ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट’ (सिप्री) के अनुसार दुनिया में नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं जिसमें भारत भी शामिल है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक़ सैन्य क्षेत्र में सबसे ज़्यादा ख़र्च करने वाला अमेरिका, चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। वायु सेना के लड़ाकू विमानों में राफेल, तेजस, सुखोई मिग-29 और मिग-21 शामिल हैं। भारत की थल सेना की बात करें तो ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग में विश्व की सबसे ताकतवर सेना की सूची में शामिल 133 देशों में भारत चौथे नंबर पर है। किसी भी देश की सुरक्षा और व्यापार का रास्ता समुद्र से होकर गुजरता है इस लिहाज से नौसेना की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। भारतीय नौसेना दक्षिण एशिया की सबसे ताकतवर सेना है। भारत वैश्विक शांति और समृद्धि के सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास से अपने मित्र राष्ट्रों का सहयोग भी करता है। भारत की तीनों सेनाएँ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, नेपाल ,ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से युद्ध – अभ्यास भी करती रहती हैं। रक्षा मंत्रालय ने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अग्निपथ योजना प्रारम्भ की है। आज भारत रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है और सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।
चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
भारत में प्राचीन काल से चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिकों की अग्रणी भूमिका रही है। यहाँ पर शल्य चिकित्सा वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर की जाती थी। भारत के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने शारीरिक इलाज के साथ मस्तिष्क इलाज की तकनीकी विकसित की थी। बिना मस्तिष्क इलाज के शारीरिक इलाज पूरी तरह से सम्भव नहीं हो सकता है। पेल्टो ने कहा था ‘ डॉक्टर सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वे मस्तिष्क का इलाज किये बगैर सिर्फ शरीर का इलाज करने की कोशिश करते हैं, जबकि मस्तिष्क और शरीर आपस में जुड़े हुये हैं और उनका अलग-अलग इलाज नहीं किया जाना चाहिए।‘ आज दुनिया के कई देश साइकोसोमैटिक (मनोदैहिक) चिकित्सा का विकास कर रहे हैं जबकि भारत में इस तरह के चिकित्सा का विकास प्राचीन काल में हो गया था। भारत ने मानव चिकित्सा के साथ पशु चिकित्सा पर ध्यान दिया है। भारत में गम्भीर से गम्भीर बीमारियों के इलाज सम्भव हैं। हमने चेचक, हैजा, येलो फीवर, कैंसर और पोलियों जैसी गम्भीर बीमारी को जड़ से खत्म कर दिया है। कोरोना के समय में वैश्विक स्तर पर भारत के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने दुनिया को राह दिखाने का काम किया है। भारत का मेडिकल टूरिज्म सेक्टर 18 फीसद की वार्षिक वृद्धि कर रहा है। अन्य देशों की अपेक्षा भारत में इलाज 65 से 90 फीसद सस्ता और क्वालिटी ट्रीटमेंट दिया जाता है।
सूचना – संचार के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
21वीं सदी को सूचनाओं का युग कहना कोई जल्दबाजी नहीं होगा । भारत के वैज्ञानिकों ने संचार के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। बात ऑप्टिकल फाइबर की हो, वाईफाई अथवा 5जी की या फिर सुपर कंप्यूटर ,क्वांटम कम्प्यूटिंग की; आज सूचना- संचार के विकास से भारत ई -प्रशासन, डिजिटल इकोनॉमी, ई -लार्निंग, मौसम पूर्वानुमान में अव्वल है। संचार के विकास ने रोजगार सृजन के द्वारा खोल दिया है। भारत का आईटी सेक्टर दुनिया को राह दिखा रहे हैं। सूचना संचार ने मनुष्य को आपस में जोड़ने के साथ सामाजिक, आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है।
कृषि के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
भारत कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या गाँवों में निवास करती है। भारत में कृषि के क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग से उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत ने आज कृषि के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर खुद को स्थापित किया है। वर्तमान में भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर के साथ अनाज निर्यातक देशों में एक है। भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम, दाल खेती योग्य भूमि में प्रथम और कपास के संकर किस्मों को विकसित करने में पहला स्थान रखता है। भारत विश्व में कुल उर्वरक उपयोग में चौथा स्थान रखता है। परजीवी खेती, फर्टिगेशन, कृत्रिम बीज,अनुवांशिक संवर्धित बीज को बढ़ाने में विज्ञान ने महत्तपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत आज पूरी तरह से जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने भारतीय कृषि को रोजगार के साथ जोड़ दिया है। आज कृषि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
आकाश में उड़ना और धरातल पर बात करना किसे पसंद नहीं है, इन्हीं ख्यालों को पूरा करने के लिए हमारे देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने क्या कुछ नहीं किया है। भारत एशिया का पहला ऐसा देश है जिसने मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने में सफलता प्राप्त की है। भारत दुनिया के लगभग 70 देशों के उपग्रहों को लॉन्च किया है। भारत के पास पीएसएलवी और जीएसएलवी जैसे अत्यंत सफल प्रक्षेपण यान हैं। भारत ने उपग्रह को धुव्रीय कक्ष में स्थापित करके कीर्तिमान कायम किया है। भारत ने रोहिणी, एप्पल जैसे उपग्रह को स्थापित किया है। भारत का उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में विश्व में चौथा स्थान है। भारत के अंतरिक्ष प्रोग्रामों की प्राथमिकता देश को विकसित करना और आत्मनिर्भर बनाना है।
निष्कर्ष:
21वीं सदी में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का एकमात्र विकल्प विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी है। विज्ञान हमारे समाज एवं संस्कृति का हिस्सा है। मनुष्य ने विज्ञान के माध्यम से कठिन से कठिन कार्य को सरल बना लिया है। आज देश की तरक्की के पैमाने का निर्धारण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है। जो देश विज्ञान के क्षेत्र में जितना उन्नति करेगा उसकी अर्थव्यवस्था उतनी ही मजबूत होगी। विज्ञान को पृथक कर किसी समाज या राष्ट्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
अजय प्रताप तिवारीअजय प्रताप तिवारी, यूपी के गोंडा जिले के निवासी हैं। इन्होंने विज्ञान और इतिहास में पढ़ाई करने के बाद देश के प्रतिष्ठित अखबारों और विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेखन कार्य किया है। इसके साथ ही इन्हें साहित्य और दर्शन में रुचि है। |