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दृष्टि आईएएस ब्लॉग

युवाओं के लिये नेतृत्व विकास के अवसर कैसे युवा नेतृत्व कौशल विकसित कर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

  • 28 Jan, 2025

नेतृत्व का आशय, किसी व्यक्ति या लोगों के समूह के द्वारा किसी संगठन, समाज या दल के अनुयायियों या सदस्यों को प्रभावित करने एवं उनका मार्गदर्शन करने की क्षमता से होता है। नेतृत्व, प्राय: किसी व्यक्ति के पद, वरिष्ठता या पदानुक्रम की स्थिति से संबंधित एक गुण में वांछनीय होता है। अधिकांश मामलों में यह अर्जित गुण माना गया है और कुछेक स्थितियों में इसे प्रदत्त भी स्‍वीकारा गया है। यह एक ऐसा सद्गुण है जिसे कोई भी व्यक्ति प्राप्त कर सकता है, यहाँ तक कि मार्गदर्शन की स्थिति के बिना भी इसे प्राप्त किया जा सकता है। इस अर्थ में यह एक विकसित करने योग्य कौशल है जिसे समय के साथ विकसित किया जा सकता है। समाज की अधिकांश उप-प्रणालियों जैसे व्यवसाय, राजनीति, धर्म और समुदाय-आधारित संगठनों के सुचारु संचालन एवं विकास के लिये नेतृत्व की आवश्यकता होती है। इस नेतृत्व को ऐसे लोगों के रूप में देखा जाता है जो सही और कभी-कभी कठिन निर्णय भी लेते हैं। वे एक स्पष्ट दृष्टि व्यक्त करते हैं और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करते हैं तथा दल के अनुयायियों एवं सहयोगियों को उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये आवश्यक ज्ञान और अवसर प्रदान करते हैं। इसलिये ही किसी नेतृत्व प्रदाता में आत्मविश्वास, सशक्ति संचार और प्रबंधन कौशल, रचनात्मक एवं अभिनव सोच, दृढ़ता, जोखिम लेने की इच्छा, परिवर्तन के लिये खुलापन, संकट के समय में शांत तथा प्रतिक्रियाशीलता जैसे गुणों को देखा जाता है। 

युवाओं में इस तरह के नेतृत्व गुण के विकास के लिये हमें अतीत में युवाओं द्वारा समाज के लिये दिये गए योगदान के साथ ही उनकी भूमिका पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना होगा, क्योंकि अब दुनिया युवा नेतृत्व वाले विकास की शक्ति को पहचानने लगी है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रारंभ किया कार्यक्रम यूथ 2030 इसी तथ्य की पहचान करता है। संयुक्त राष्ट्र के काम करने तीन आधार स्तंभ - शांति और सुरक्षा, मानवाधिकार एवं सतत् विकास हैं। संयुक्त राष्ट्र अपने इन तीनों स्‍तंभों के, सभी संदर्भों में इस नए कार्यक्रम को जोड़ता है। यह कार्यक्रम युवाओं को शामिल करने और उनके विचारों, अंतर्दृष्टि एवं विचारों से लाभ उठाने के लिये संयुक्त राष्ट्र की क्षमता को महत्त्वपूर्ण रूप से मज़बूत करने का प्रयास करता है। वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता है कि युवा मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र का काम समन्वित, सुसंगत और समग्र तरीके से आगे बढ़े। 

संयुक्त राष्ट्र के अतिरिक्त संयुक्त राज्‍य अमेरिका, डेनमार्क और ब्रिटेन की सरकारों ने दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये युवाओं को समर्थन देने वाली रणनीतियाँ पर काम शुरू किया है। इनमें युवाओं को "विकास के समर्थकों" के रूप में मान्यता दी गई है। यह माना गया कि स्थिर लोकतंत्र, मज़बूत समाज और समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण में उनकी क्षमताओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। आवश्‍यकता इस बात की है कि उनको “परिवर्तन के एजेंट" के रुप में पहचाना जाए क्‍योंकि युवाओं को एक समस्या के बजाय एक ऐसी परिसंपत्ति के रूप में देखना चाहिये जो स्थितियों को पूर्ण परिवर्तित कर सकता है। युवा-नेतृत्व वाले विकास दृष्टिकोण में यह स्वीकार किया गया है कि युवा लोग कई तरह की भूमिकाएँ निभा सकते हैं। उदाहरण के लिये, यू.के. अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के युवा एजेंडा का तर्क है कि युवा लोग भिन्‍न भिन्‍न भूमिकाओं में संक्रमण का अनुभव कर रहे हैं इसलिये उनको विकास के एजेंट के रूप में देखना और उनकी आवाज़ को सुनना होगा। 

वर्तमान युग में जिस प्रकार की जटिलताएँ सामने आई हैं उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि युवाओं में प्रभावी नेतृत्व कौशल विकसित करने की बात पहले कभी भी इतनी महत्त्वपूर्ण नहीं रही थी। हमारे समाजों, अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक संबंधों का भविष्य अगली पीढ़ी के कंधों पर टिका है। इसलिये, उन्हें नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिये तैयार करना एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। युवा नेतृत्व को सकारात्मक बदलाव लाने के लिये तैयार करना कई कारणों से आवश्यक है। इसमें सर्वप्रथम इस बात को समझना होगा कि आधुनिक युग में पुराने तौर तरीकों से नेतृत्व तैयार नहीं किया जा सकता है। हमें युवाओं में नेतृत्व कौशल प्रदान करने के लिये इन तरीकों से हट कर सोचना होगा। युवा लोगों में नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिये उन्हें ऐसी भूमिकाएँ निभाने का अधिकार देना होगा जो दूसरों को प्रभावित और प्रेरित करती हैं। यह सशक्तीकरण की प्रक्रिया सक्षम नेतृत्व की एक स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करती है और इससे भविष्य की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सकता है साथ ही इससे नवाचार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा। इसका कारण यह है कि युवा लोग प्राय: नए दृष्टिकोण और अभिनव विचार से युक्‍त होते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमताओं को पोषित करने, उन्हें रचनात्मक रूप से सोचने और ऐसे समाधान विकसित करने के लिये प्रोत्साहन मिल सकता है जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति को गति दे सकता है। इसमें तीसरी और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इससे हम अपने समाज में सशक्त समुदाय बना सकेंगे। वास्तव में युवा नेता समुत्थानशील और एकजुट समुदायों के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे स्थानीय मुद्दों को बेहतर ढंग से हल कर सकते हैं, अपने साथियों को संगठित कर सकते हैं और सामाजिक परिवर्तन का पुरज़ोर समर्थन कर सकते हैं, जिससे समाज एवं समुदायों की समग्र भलाई में योगदान मिलता है। इसमें हमें युवा नेतृत्व को आगे देने के लिये उनकी नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देना चाहिये। इसका कारण यह है कि युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने से नागरिक होने के दायित्‍व की भावना बढ़ती है। युवा नेता सामुदायिक सेवा में शामिल होने, राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने और उन कारणों का समर्थन करने की अधिक संभावना रखते हैं जिन पर वे विश्वास करते हैं, जिससे लोकतांत्रिक मूल्य मज़बूत होते हैं।

प्रभावी युवा नेतृत्व विकास के प्रमुख घटकों की बात करें तो इसमें सबसे पहली बात शिक्षा और प्रशिक्षण की आती है। युवा नेतृत्व विकास के लिये व्यापक शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। इन कार्यक्रमों में संचार, समस्या-समाधान, आलोचनात्मक सोच और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे आवश्यक नेतृत्व कौशल पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये। कार्यशालाओं, सेमिनारों और मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को अनुभवी नेताओं से सीखने के अवसर प्रदान करना उनके विकास में अत्यधिक सहायक हो सकता है।

नेतृत्व विकास के लिये दूसरा अहम बिंदु व्यावहारिक अनुभव देने का है क्योंकि नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिये व्यावहारिक अनुभव का होना बहुत आवश्‍यक है। युवा लोगों को स्कूल, सामुदायिक संगठनों या स्वयंसेवी समूहों में नेतृत्व की भूमिका निभाने को प्रोत्साहित करने से उन्हें अपने ज्ञान को वास्तविक दुनिया की स्थितियों में लागू करने का अवसर मिलता है। ये अनुभव उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने, अपनी गलतियों से सीखने और प्रभावी नेतृत्व की गतिशीलता को समझने में मदद करते हैं।

नेतृत्व विकास में मेंटरशिप की भूमिका को महत्त्वपूर्ण माना जाने लगा है। यह समझ बनी है कि रोल मॉडल मेंटर और रोल मॉडल तक पहुँच होना एक युवा व्यक्ति की नेतृत्व यात्रा को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। यह मेंटर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं अपने अनुभव साझा करते हैं और समर्थन प्रदान करते हैं। ये विशिष्ट लोग युवा नेताओं को चुनौतियों का सामना करने और निर्णय लेने में मदद करते हैं तथा दूसरी ओर रोल मॉडल प्रभावी नेतृत्व के गुणों को खोजने एवं पाने के लिये प्रेरित करते हैं।

हमें नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिये विकास की मानसिकता को प्रोत्साहित करना आना चाहिये। वास्तव में युवा नेताओं के लिये विकास की मानसिकता विकसित करना अत्‍यंत आवश्यक तथ्‍य समझा जाता है। उन्हें चुनौतियों को स्वीकार करने, असफलताओं के बावजूद दृढ़ रहने और असफलताओं से सीखने के अवसर के रूप में देखने के लिये प्रोत्साहित करना अनुकूल और सक्रिय दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। विकास की मानसिकता युवा नेताओं को अनुकूलनशील बने रहने और निरंतर सुधार के लिये मस्तिष्‍क खुले रखने में सहायता करती है।

इसमें अंतिम किंतु अति महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हमें नैतिक नेतृत्व का विकास करना करना होगा। यह सर्वविदित तथ्य है कि नैतिकता और ईमानदारी प्रभावी नेतृत्व की आधारशिला हैं। युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रमों में नैतिक मूल्यों, सामाजिक ज़िम्मेदारी और सहानुभूति के महत्त्व पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवा नेताओं को सिखाया जाना चाहिये कि वे अपने निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में ईमानदारी, निष्पक्षता और सम्मान को प्राथमिकता दें, क्योंकि यही विश्वास और विश्वसनीयता की मज़बूत नींव स्थापित करता है।

युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन के लिये रणनीतियाँ को अपनाने के क्रम में कई उपाय सुझाए गए हैं। इनमें शैक्षिक संस्थानों के साथ साझेदारी को विशेष माना गया है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करके युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रमों की पहुँच और प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। शैक्षिक संस्थान अपने पाठ्यक्रम में नेतृत्व प्रशिक्षण को एकीकृत कर सकते हैं, नेतृत्व पर केंद्रित पाठ्येतर गतिविधियाँ प्रदान कर सकते हैं और छात्र-नेतृत्व वाली पहलों के लिये मंच प्रदान कर सकते हैं। 

युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रम में सामुदायिक भागीदारी की भी अहम भूमिका है। समाज में सामुदायिक संगठन, व्यवसाय और स्थानीय सरकार एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाते हैं। ये संस्थाएँ युवा नेताओं को सामुदायिक परियोजनाओं, इंटर्नशिप और नागरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिये संसाधन, प्रयोजन और अवसर प्रदान कर सकती हैं। युवा नेतृत्व परिषद की कल्पना भी इस बिंदु से निसृत: होती है। स्थानीय, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर युवा नेतृत्व परिषद का गठन होने से युवाओं को अपनी राय व्यक्त करने, नीति-निर्माण में योगदान देने और नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिये एक अवसर मिलता है। ये परिषदें युवाओं से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने वाली परियोजनाओं पर काम कर सकती हैं, जिससे युवाओं में स्वामित्व और ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ावा मिलता है। 

युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रम में दो बातों का और ध्यान रखा जाना चाहिये। इनमें एक है- प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना और दूसरी बात है- योगदान की सार्वजनिक पहचान। वास्तव में युवा नेतृत्व विकास में प्रौद्योगिकी एक शक्तिशाली उपकरण साबित हो सकती है। ऑनलाइन पाठ्यक्रम, वेबिनार और वर्चुअल मेंटरशिप कार्यक्रम नेतृत्व प्रशिक्षण को सुलभ बनाते हैं। युवा नेताओं को जोड़ने, उनकी सफलता की कहानियाँ साझा करने और सहयोगी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार के विकास कार्यक्रमों में युवा नेताओं को पहचानना और उनका सम्मान करना बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। साथ ही पुरस्कारों, छात्रवृत्तियों और सार्वजनिक पहचान देने के माध्यम से युवा नेताओं की उपलब्धियों को सराहा जाना चाहिये। इससे युवाओं को अपने प्रयासों को जारी रखने और दूसरों को उनके पदचिह्नों पर चलने के लिये प्रेरणा मिल सकती है। उनके योगदान का उत्‍सव मनाना युवा नेतृत्व के सकारात्मक प्रभाव को उजागर करता है और समाज में संबंधित मूल्य को मज़बूत करता है।

युवा नेतृत्व विकास से सकारात्मक बदलाव दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारण के माध्यम से आएंगे। यह माना गया है कि 16-19 वर्ष की आयु के कई किशोर पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और सामाजिक न्याय सहित सामाजिक मुद्दों के बारे में सशक्‍त राय विकसित करने की क्षमता रखते हैं। नेतृत्व कौशल उन्हें अपने जुनून को उन पहलों में लगाने के लिये प्रेरित करता है जो सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। ऐसा युवा नेतृत्व उन्हें अपने विचारों को संक्षेप में और दृढ़ विश्वास के साथ व्यक्त करने का आत्मविश्वास एवं क्षमता भी प्रदान कर सकते हैं। स्वयंसेवा और सामाजिक कार्यक्रम यहाँ भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे इन किशोरों को अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने तथा विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है। जैसे-जैसे किशोरों को अधिक जटिल चुनौतियों, समस्याओं और सामाजिक गतिशीलता का सामना करना पड़ता है, वे इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते चले जाते हैं तथा अंतत: इसका लाभ समाज को मिलता है। 

युवा नेतृत्व का सबसे अच्छा अर्थ तब समझा जा सकता है जब युवा लोगों के पास कौशल, ज्ञान, आत्मविश्वास, मूल्य, नेटवर्क और अनुभवों का भंडार हो। युवा सशक्तीकरण की प्रक्रिया के अंतर्गत युवा लोग सत्ता, अधिकार और परंपरा को संभाल सकते हैं। कई युवा पहलों और कार्यक्रमों को युवा नेतृत्व को दिया जा सकता है साथ ही किसी भी हस्तक्षेप का अंतिम बिंदु के रूप में देखा जा सकता है। जो भी हो, यह कहा जा सकता है कि युवा नेतृत्व विकास सिर्फ भविष्य में निवेश नहीं है; अपितु यह एक बेहतर दुनिया बनाने के लिये आवश्‍यक है। युवाओं को नेतृत्व करने के कौशल, ज्ञान और अवसरों से युक्‍त करके, हम उन्हें आत्मविश्वास एवं क्षमता के साथ कल की चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार करते हैं। भविष्य की ओर देखते हुए, हमें याद रखना चाहिये कि आज के युवा सिर्फ़ कल के नेता नहीं हैं- वे आज के नेता हैं। उनकी क्षमता को बढ़ावा देकर, हम उन्हें सार्थक योगदान देने के लिये सशक्त बनाते हैं जो सभी के लिये एक उज्ज्‍वल, अधिक समावेशी और सतत् भविष्य को आकार देगा।


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