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ऐसे करें अपनी NET की तैयारी पूरी

नेट परीक्षा असिस्टेंट प्रोफेसर एवं जूनियर रिसर्च फैलो के लिये होने वाली परीक्षा है। हर साल लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठते हैं। अच्छी और सही स्ट्रैट्जी से तैयारी करने वाले कैडिडेट्स ही इस परीक्षा में सफल होते हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 7 जून 2024 को आधिकारिक वेबसाइट पर यूजीसी नेट सिटी इंटिमेशन स्लिप 2024 जून सत्र के लिए जारी कर दी थी। इस आलेख में इस परीक्षा की तैयारी के लिये सही स्ट्रैट्जी और टिप्स के विषय में बताया गया हैं जिसे अपनाकर आप इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकते हैं।

सिलेबस: इस परीक्षा की तैयारी से पहले कैडिडेट्स को परीक्षा का सिलेबस देखना चाहिए जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आधिकारिक रूप से जारी किया जाता है। इसके साथ ही परीक्षा के पैटर्न की भी जानकारी अभ्यर्थी को होनी चाहिए यदि कुछ बदलाव किये गए हों तो उनके विषय में भी जरूर पता होना चाहिए।

पूर्व वर्षों के प्रश्न पत्र: सिलेबस के बाद प्रीवियस ईयर के कवेशचन पेपर देखना चाहिए जिससे आपको ये पता चल जाता हैं कि किसी विषय से कितने और किस प्रकार के कवेशचन पूछे जाते हैं।

विषय अनुसार तैयारी: फर्स्ट पेपर सभी के लिये एक जैसा होता है जो कि टीचिंग से संबंधित होता है।जबकि दूसरा पेपर सब्जेक्ट पेपर होता हैं जो कि विषय आधारित होता है। ये विषय वही विषय होता हैं जिससे आपने मास्टर डिग्री प्राप्त करी होती है। इसलिए नेट की परीक्षा की सफलता के लिये जरूरी है कि मास्टर डिग्री के विषय पर आपकी अच्छी कमांड होनी चाहिए।

टॉपिक वाइस तैयारी: फर्स्ट पेपर में आने वाले दस टॉपिक्स को पहले बारी बारी से अच्छे से तैयार करें जिसमें से मैथमेटीकल एपटीट्यूड , डाटा इंटरप्रीटेशन और कम्परीहेनशन सॉल्व करने की प्रेक्टिस रोज नियमित रूप से करनी चाहिए।जबकि आइसीटी, टीचिंग एपटीट्यूड और रिसर्च एपटीट्यूड को अच्छे से कॉन्सेप्ट समझ कर एक बार अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए। हायर एजुकेशन और इंवोयरमेंट से रिलेटेड टॉपिक्स को अच्छे से तैयार करना भी बेहद जरूरी होता है। इसी तरह से अपने सब्जेक्ट के टॉपिक्स को भी अच्छे से तैयार करें। जिन टॉपिक्स पर आपको आसानी होती हैं उन्हें और अच्छे से तैयार करें ताकि वहां आपके मार्क्स कट होने की संभावना खत्म हों जाये और फिर कठिन लगने वाले टॉपिक्स को भी इसी तरह से तैयार करें।

खुद के नोट्स तैयार करें: तैयारी करते समय टॉपिक वाइस अपने हाँथ से नोट्स बनाते चलें जिससे आपको रिवीजन में आसानी होगी और ईयर्स, बुक के नाम और क्रोनोलॉजी को अलग से कलरफुल पैन से या हाईलाइट करके लिखें जिससे परीक्षा तक ये नोट्स आपको अच्छे से याद हों जायेगा और लास्ट मिनट रिवीजन भी आसान हों जायेगा।

याद करने की ट्रिक: कई सारे कठिन कॉन्सेप्टस को याद करने के लिये अलग अलग टिप्स अपना सकते हैं। जैसे कि आप वर्ष और तारीख को किसी यादगार दिन से या किसी के जन्मदिन आदि से जोड़कर याद कर सकते हैं। वहीं और याद करने वाली चीजों को कुछ फनी तरीके से दिमाग में बैठा सकते हैं।

प्रीवियस ईयर कविश्चंस: किसी टॉपिक को तैयार करने के बाद उसी विषय के आये प्रीवियस ईयर क्विश्चन्स को सॉल्व करें जिससे आपको पता भी चल जाएगा कि आपकी तैयारी कैसी हुई है।

मॉक टेस्ट: परीक्षा से लगभग एक महीने पहले प्रत्येक दिन परीक्षा वाली टाइम घर पर ही बैठकर एक दम परीक्षा जैसे निर्धारित समय पर मॉक टेस्ट दें जिससे आपको टाईम मैंनेजमेंट करना आयेगा और परीक्षा को लेकर डर और नर्वसनेस कम होती जायेगी।अपनी तैयारी का लेवल भी आपको पता लग जायेगा जिससे और अच्छी तैयारी होगी।

याद रखने योग्य जरुरी बातें: पढ़ाई में नियमितता या कंसिस्टेंसी बेहद जरूरी है। नेट परीक्षा की तैयारी के लिये अगर आप एक भी दिन इस परीक्षा की तैयारी में लापरवाही करें हैं तो आप इस परीक्षा की सफलता की मंजिल से दूर होते जाते हैं। इस परीक्षा के लिए नियम से रोज तैयारी करनी बेहद जरूरी है।

टाईम मैंनेजमेंट: परीक्षा में कई बार कैडीडेट्स पूरा पेपर सॉल्व नहीं कर पाते और पेपर छूट जाता हैं इसलिए जरूरी है कि आप टाईम मैंनेजमेंट पर जरूर ध्यान दे। जो प्रश्न आपको आसान लगते हैं उन्हें पहले कर लें गणित और कॉम्परिहंशन पेपर के बीच में करें क्योंकि उस समय परीक्षा कक्ष का माहौल ज्यादा शांत होता है।

रिवीजन: पढ़े हुए टॉपिक्स का रिवीजन समय समय पर करते रहें उसके लिये भी हफ्ते का एकदिन जरूर रखें, क्योंकि सिलेबस ज्यादा होने की वजह से कई बार कैंडिडेट पहले के पढ़े हुए टॉपिक को भूलते जाते हैं।हर टॉपिक कम से कम तीन बार रिवीजन जरूर करें जिससे उस टॉपिक पर आपकी पकड़ मजबूत ही जाये।

धैर्य रखना जरूरी: परीक्षा की तैयारी के बीच या परीक्षा के दौरान भी कोई कठिन परिस्थिति आ जाये तो आपको अपना धैर्य नहीं खोना है और ये याद रखना है कि ये परीक्षा एक शिक्षक पात्रता परीक्षा है इसलिए एक शिक्षक की तरह धैर्य रख कर तैयारी और परीक्षा देनी है।

खुद पर कॉंफिडेंस रखना जरूरी: खुद पर पूरा कॉंफिडेंस रखना है कई बार नर्वसनेस में या खुद पर कॉंफिडेंस की कमी की वजह से भी कई सवाल गलत हो जाते हैं।

नये अपडेट पर नज़र रखना जरूरी: परीक्षा की तैयारी के दौरान आपको नये अपडेट की जानकारी रखना जरूरी है जैसे सिलेबस में क्या बदलाव किये गये हैं क्या नया जोड़ा गया है।इसी तरह करेंट अफेयर्स जो आपके विषय से संबंधित हों या पेपर वन से संबंधित हों उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए।

कॉन्सेप्ट समझकर पढ़ना जरूरी: इस परीक्षा का सिलेबस इतना ज्यादा होता है कि आप सब कुछ रट नहीं सकते इसलिए कॉन्सेप्ट समझ कर पढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

क्या नहीं पढ़ना है: कई बार ऐसा देखा गया है कि अभ्यर्थी कंन्फ्यूज हों जाते हैं और कुछ भी पढ़ते रहते हैं जो कि परीक्षा में पूछा भी नहीं जाता या इंटरनेट पर कहीं से भी पढ़कर नोट्स बना लेते हैं जहां कई बार ग़लत जानकारी दी गयी होती है। इसलिए आपको विश्वसनीय स्त्रोतों और किताबों से ही पढ़ाई करनी है जिससे आपकी मेहनत खराब न हो।

सही गाइडेन्स और नोट्स: इस परीक्षा के किये सही गाइडेन्स मिलना और नोट्स मिलना बहुत जरूरी है इसलिए सही गाइड और विश्वसनीय किताबों से पढ़कर ही इस एक्जाम की तैयारी करें।आज कई सारे यूट्यूब चैनल और ब्लॉग्स कई बार ग़लत सूचनाएँ और ग़लत जानकारी देकर केडीडेट्स को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं, इनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है।वहीं कुछ यूट्यूब चैनल और ब्लॉग्स परीक्षा की अच्छी तैयारी कराते हैं जिनकी सहायता ली जा सकती है।

दोनों पेपर्स को दें बराबर समय: कई बार कैडिडेट ये गलती करते हैँ कि कोई एक पेपर ज्यादा अच्छे से तैयार करते हैं और कोई कम। पेपर वन के मार्क्स मेरिट में बहुत असर करते हैं और पेपर टू के नंबर भी बेहद जरुरी हैं इसलिए दोनों की तैयारी को बराबर समय देना चाहिए।

अपनी गलतियों से सीखें: मॉक में हुई गलतियों को सुधार करके सीखें जिससे दोबारा वो गलती न हो अन्यथा मॉक देने का ज्यादा लाभ नहीं मिल पायेगा।

वर्क और प्रिपरेशन के बीच बैलेंस: नेट की तैयारी करने वाले कई कैडिडेट घर परिवार या जॉब की जिम्मेदारियों से घिरे हुए रहते हैं इसलिए तैयारी और पढ़ाई के बीच समय निकालकर बैलेंस बनाना बहुत जरूरी है।यद बैलेंड बनाने लिये ऐसे लोग ऑनलाइन क्लासेज में एनरोल कर ले जिससे वो किसी क्लास की रिकॉर्डिंग से भी पढ़ सकेंगे।

स्वास्थ्य: परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें इसके लिये जरूरी है कि खान पान का विशेष ध्यान रखें। बहुत ज्यादा तली भुनी चीजें, बाहर का खाना अवॉयड करें जिससे आपकी तबियत खराब हो सकती है और तैयारी में व्यवधान पड़ेगा।अपनी दिनचर्या को भी नियमित रखें खाने सोने और पढ़ने का समय निर्धारित करें और इस नियम का पूरी तयारी के दौरान पालन सख्ती से करें। खाना एक बार में ज्यादा न खाये जिससे नींद अधिक आएगी और आप पढ़ाई पर फॉक्स नहीं कर पायेंगे बल्कि थोड़ा थोड़ा ब्रेक ले लेकर खाते रहें। लिक्विड ज्यादा पियें जैसे जूस, शर्बत और पानी भी ज्यादा ज्यादा पियें जिससे आप तरोताजा फील करेंगे डिहाइड्रेशन नहीं होगा और पढ़ाई में मन लगेगा।

खुद को मोटिवेट करते रहिये: कई बार एक ही तरह की दिनचर्या रोज होने से और लगातार पढ़ाई करते रहने से कई बार बोरियत होने लगती है और पढ़ाई में मन नहीं लगता है ऐसे में आपको उन चीजों के बारे में सोचना चाहिए जिससे आपको पढ़ने की मोटिवेशन मिलती हो।

  शालिनी श्रीवास्तव  

(लेखिका शालिनी श्रीवास्तव बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में शोध छात्रा हैं। इन्होंने जनसंचार एवं पत्रकारिता में मास्टर डिग्री एवं एमफिल किया है। इसके अलावा शालिनी श्रीवास्तव ने आकाशवाणी लखनऊ में ‘युवावाणी कार्यक्रम’ में कम्पीयर के रूप में कार्य किया है। शालिनी विभिन्न समाचार पत्रों के लिये आर्टिकल लेखन के साथ-साथ डिजिटल पोर्टल्स पर भी समाचार एवं फीचर लेखन का कार्य करती रही हैं। शालिनी हैपेटाइटिस के प्रति जागरूकता हेतु डॉक्यूमेंट्री फिल्म "होप फॉर हेप सी" का निर्देशन भी कर चुकी हैं।)

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