वैश्विक स्तर पर शरणार्थियों की चुनौतियाँ और समाधान
20 Jan, 2023संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी अभिसमय 1951, शरणार्थी को एक 'ऐसे व्यक्ति' के रूप में परिभाषित करता है जो अपनी राष्ट्रीयता या अभ्यस्त निवास के देश से बाहर है; जिसे अपनी जाति, धर्म,...
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी अभिसमय 1951, शरणार्थी को एक 'ऐसे व्यक्ति' के रूप में परिभाषित करता है जो अपनी राष्ट्रीयता या अभ्यस्त निवास के देश से बाहर है; जिसे अपनी जाति, धर्म,...
शाम को अपने परिवार के साथ बैठे सुरेंद्र को रेडियो पर एक खबर सुनाई पड़ती है- ‘पिछले साल खराब मानसून के कारण सूखे जैसे हालात थे और इस बार भी मानसून के अच्छे रहने के संकेत नहीं...
कुछ दिनों पहले मैं अपने विद्यालय में आठवीं कक्षा में एक स्थानापन्न कालांश में गया था. वह कालांश शायद सामाजिक विज्ञान विषय का था. बच्चों से मैंने पूछा "कोई 5 कारण बताओ जिसके...
सार्वजनिक जीवन में मान्य मूल्यों के विरुद्ध आचरण को भ्रष्ट आचरण माना जाता है। जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के नियमों के विपरीत जाकर, अपनी स्वार्थसिद्धि हेतु गलत व्यवहार...
"झूठ नहीं बोलेंगी हवाएँझूठ नहीं बोलेगी पर्वत-शिखरों परबची हुई थोड़ी-सी बर्फझूठ नहीं बोलेंगे चिनारों के शर्मिंदा पत्तेउनसे ही पूछोसुमित्रा के मुँह में चीथड़े ठूँसकरउसे...
26 नवम्बर को भारत ने अपना संविधान दिवस मनाया। एक सामान्य सी जिज्ञासा हमारे मन में आती है कि आखिर संविधान है क्या और इसकी महत्ता क्या है? इस दस्तावेज में आखिर क्या खास है कि...
आईआईटी की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के कारण रोहन बहुत उदास था। वह अपने माँ-बाप के गले लगकर जी भरकर रोना चाहता था और कहना चाहता था कि, वह उनकी इच्छाओं पर खरा नहीं...
प्रस्तावना इस लेख में हम कृषि के स्त्रीकरण के बारे में जानेंगे। महिलाएँ 'नए भारत' के लिये सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिवर्तन की पथ प्रदर्शक हैं। 'कृषि के स्त्रीकरण'...
हमारे देश ही नहीं, पूरी दुनिया में अकेलेपन, अवसाद और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। बल्कि यूं कहना ठीक होगा कि आत्महत्या एक महामारी का रूप धरती जा रही है। लोग कई...
अवधारणा- नारीवादी अवधारणा का आरंभ इस विश्वास के साथ होता है कि स्त्रियां पुरुषों की तुलना में अलाभ और हीनता की स्थिति में हैं। नारीवादी विचारधारा मुख्य रूप से...