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विमर्श

ईरान में उदारवाद का उदय!

15 Jul, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

ईरान हमारा सदियों पुराना मित्र रहा है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान के आलावा ईरान से हमारे व्यापारिक रिश्तों की कहानी, ईसा से भी 600 साल पहले से शुरू हो जाती है। भारतीय कला,...

विमर्श

यूरोपीय संघ का 'राइट टर्न'!

02 Jul, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

यूरोपीय संघ केवल ‘एक बाजार-एक मुद्रा’ वाला व्यापारिक संगठन नहीं है बल्कि यह गारंटी है लोकतंत्र की, आज़ादी की, न्याय की और मानव अधिकारों की। जो राष्ट्र इन गारंटियों की...

विमर्श

गैर सरकारी संगठन: सरकार और सहभागिता

13 Jun, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सरकार और जनता के बीच एक कड़ी है जिसमें दोनों की सहभागिता के बड़े मायने है। आधुनिक NGO के स्वरूप में आने से पहले भी साम्राज्यों में जत्थे या संगठन जनता की...

विमर्श

मनोभाव का आवेग है तांडव नृत्य

01 May, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

भारतीय शिलालेखों में तांडव नृत्य की चर्चा से पहले उस शिव की चर्चा ज़रूरी है कि आखिर क्या वजह है कि वे जन-जन के आराध्य हो गए। भोले बाबा का शिव तांडव। वाकई व्यक्तित्व का कितना...

मोटिवेशन

एलजीबीटीक्यू: सुनवाई अभी जारी है

16 Apr, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

"इतिहास को इनसे और इनके परिवारों से माफ़ी मांगनी चाहिए क्योंकि जो कलंक और निष्कासन इन्होंने सदियों से भोगा है, उसकी कोई भरपाई नहीं की जा सकती"- जस्टिस इन्दु मल्होत्रा नवंबर...

विमर्श

ट्रांसजेंडर्स- कमी वजूद में नहीं, समाज की सोच में है

16 Apr, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

ट्रांस समुदाय के लोग बेहद प्रतिभाशाली, मज़बूत ,बुद्धिमान, सृजनशील, सहृदय और इरादों के पक्के होते हैं। हमें होना ही पड़ता है। हम अधिकारों को चुन या छोड़ नहीं सकते ,बस उम्मीद...

विमर्श

मृत्युदंड-सही या गलत?

14 Mar, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

"मुझे विश्वास ही नहीं कि कोई भी सभ्य समाज मृत्यु का सेवक हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई मानव ही मानव की मौत का देवदूत बन सकता है" -हेलेन प्रेजेन, एक्टिविस्ट, नन और...

विमर्श

वैवाहिक बलात्कार: कब होगा ‘ना’ का मतलब ‘ना’?

13 Mar, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

“शादी वैवाहिक दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है, सहमति सबसे ज़रूरी है” मैरिटल रेप या वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा ही भारतीय समाज को अनुचित लगती है। समाज इस बात को गले ही नहीं...

विमर्श

ऑनर किलिंग: झूठे दंभ में अपनों को ही लीलते अपने

01 Mar, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

"न्याय और शक्ति को एक साथ लाया जाना चाहिए ताकि जो कुछ न्यायसंगत है वह शक्तिशाली हो सके और जो शक्तिशाली है वह न्यायपूर्ण हो"-ब्लैज़ पास्कल ऐसा कौन प्राणी इस धरती पर होगा जो...

विमर्श

सबसे ज़रूरी होता है सायरन की तरह गूंज जाना

08 Jan, 2024 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

"यदि मैं स्त्री के रूप में पैदा होता तो पुरुषों द्वारा थोपे गए हर अन्याय का जमकर विरोध करता तथा उनके खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद करता" -महात्मा गांधी रेवा का घर जाने का...

विमर्श

नारी शक्ति के वंदन में लग रहा लंबा समय

17 Nov, 2023 | वर्षा भम्भाणी मिर्ज़ा

सितंबर की 21 तारीख जो अब इतिहास बन चुकी है। इस दिन देश की सर्वोच्च पंचायत में जो ऐतिहासिक पटकथा लिखी गई, वह सदन की सर्वसम्मति की भी कथा है। महिला आरक्षण बिल के लिये 128 वें...

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