किताबें, जो संघर्ष के दरमियान खास दोस्त की तरह साथ निभाती हैं।
- 13 Oct, 2018 | कवीन्द्र कबीर
किताबें, जो संघर्ष के दरमियान खास दोस्त की तरह साथ निभाती हैं।
Books, which are with us as a special friend during the struggle.
अच्छी किताबें किसी गुरु से कम नहीं होती हैं। जब भविष्य की मीठी धुन तीखी बनकर आँखों के सामने नाचने लगे, तब अच्छी किताबों से मिलने वाली प्रेरणा हर कदम पर आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करती है। वहीं कई बार ये ज़िंदगी के भयानक उतार-चढ़ाव भरे दौर में किसी खास दोस्त की भूमिका निभाते हुए सही दिशा दिखाने में भी कारगर साबित होती हैं। किसी उपन्यास या फिर किसी कहानी का पात्र पाठक की जिंदगी पर गहरा प्रभाव डालता है। पाठक चाहे या अनचाहे रूप से उस पात्र के चरित्र के साथ अपने चरित्र को जोड़कर देखना शुरू कर देता है। इस तरह के एक सुप्रसिद्ध वाकये की बात करें तो प्रेमचंद द्वारा लिखे गए ‘सोजे-वतन’ को कौन भूल सकता है। उस कहानी संग्रह के पात्रों और विषय का ही तो खौफ था जिस वज़ह से अंग्रेज़ी हुकूमत ने इस किताब को प्रतिबंधित कर दिया था और उसकी पाँच सौ प्रतियाँ जला डाली थीं। शायद अंग्रेज़ी हुकूमत को खौफ यह था कि इस किताब को पढ़कर देश की आवाम स्वतंत्रता की लड़ाई में कूद पड़ेगी। तो आइये, आज कुछ ऐसी ही अच्छी किताबों से रूबरू होते हैं जो हमारी ज़िंदगी की आपाधापी और संघर्ष के दरमियान किसी खास दोस्त की तरह साथ निभा सकती हैं।
Jonathan Livingston Seagull
(By- Richard Bach)
अभी से पाँव के छाले न देखो
अभी यारो सफ़र की इब्तिदा है
(इब्तिदा- शुरुआत)
-एजाज़ रहमानी
“You didn’t need faith to fly, you needed to understand flying.”
रिचर्ड बाक द्वारा लिखी गई यह किताब जोनाथन लिविंग्स्टन सीगल की कल्पित कहानी से हमें रूबरू करवाती है। सीगल पक्षियों की शारीरिक बनावट उन्हें ऊँची उड़ान भरने में बाधा उत्पन्न करती है। सीगल समुदाय से आने वाला जोनाथन एक साधारण पक्षी होने के बावजूद निरंतर प्रशिक्षण और अभ्यास से उड़ान भरने में महारत हासिल कर लेता है। या यूँ कहें कि जोनाथन वृंद के दोहे, “करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान” को चरितार्थ कर देता है। इस कहानी को पढ़ने वाला पाठक जोनाथन की उड़ान के साथ अपने सपने को साकार करने के लिये भी उड़ान भरने में कामयाब हो सकता है। यह कहानी उड़ान के दरमियान आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं से लड़ने में भी पूरी सहायता करती है। इस पूरी कहानी को बमुश्किल पाँच घंटे में पढ़ा जा सकता है।
The Alienation of Modern Man
(By- Fritz Pappenheim)
शीर्षक से ही स्पष्ट है कि फ्रित्ज पापेनहाइम द्वारा लिखी गई यह दिलचस्प किताब आधुनिक मानव का इंसानियत और अपने परिवेश से असह्य अलगाव, दुर्दशा, लाचारी का विश्लेषण करती है। फ्रांज काफ्का, हरूकी मुराकामी थॉमस वूल्फ, सार्त्र या फिर अन्य अस्तित्ववादी लेखकों या दार्शनिकों की लेखनी में कोई आदमी अजनबीपन की पहचान के साथ दर्शाए जाने के बावजूद भी व्यापक लोगों द्वारा स्वीकार किया जाता है। यह किताब उस कारण पर भी सोचने के लिये मजबूर करती है कि आखिर ऐसा क्यों है? क्या आधुनिक मानव का अलगाव मशीनी चरित्र का इंसानी चरित्र पर विजय का द्योतक है?
शुरुआत से लेकर अंत तक यह किताब कुछ ऐसे ही सवालों के साथ चलती जाती है और समाज में आधुनिक मानव के अलगाव का विश्लेषण करती है।
Tough Times Never Last, but Tough People Do!
(By- Robert Schuller)
चले चलिये कि चलना ही दलील-ए-कामरानी है
जो थक कर बैठ जाते हैं वो मंज़िल पा नहीं सकते
(दलील-ए-कामरानी- induction of success)
-हफ़ीज़ बनारसी
समस्याएँ सबकी ज़िंदगी में आती हैं। किसी की ज़िंदगी में इसका हिस्सा कम तो वहीं किसी की ज़िंदगी में ज़्यादा होता है। रॉबर्ट स्कूलर द्वारा लिखी गई यह किताब ज़िंदगी में आने वाली इन्हीं समस्याओं से लड़ने के दौरान सकारात्मक सोच पैदा करती है। और इसी सकारात्मकता के बलबूते इंसान उस समस्या का सामना करने के लिये पैर जमाए खड़ा हो पाता है। इंसान की सफलता की राह में रोड़ा बनकर आने वाली सभी समस्याएँ जैसे-बेरोज़गारी, ख़राब स्वास्थ्य, अकेलापन, डर, इन सबके लिये रॉबर्ट एच. स्कूलर के सिद्धांत कारगर साबित होते हैं। 240 पन्नों की यह किताब ज़्यादातर लोगों के लिये खजाना साबित हो सकती है।
Lust for Life
(By- Irving Stone)
अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दीये में जान होगी वो दीया रह जाएगा
-महशर बदायूँनी
इरविन स्टोन द्वारा लिखा गया यह उपन्यास महान डच चित्रकार विन्सेंट वान गफ की ज़िंदगी पर आधारित है। विन्सेंट वान गफ, एक ऐसा चित्रकार था जिसने अपनी चित्रकारी के जादू से पाश्चात्य कला के पूरे इतिहास में सबसे ज़्यादा लोगों को प्रभावित किया और बदले में ढेर सारा प्यार पाया। लेकिन यह प्यार उसे जीते जी नहीं मिल पाया। महानता के इस पायदान तक पहुँचने से पहले अपनी ज़िंदगी में उसे बहुत कुछ झेलना पड़ा। विन्सेंट को मानसिक बीमारी और गरीबी से लेकर पलायन के भयावह प्रभाव तक सब कुछ झेलना पड़ा।
कुल मिलाकर लस्ट फॉर लाइफ को पढ़ना, इस चित्रकार की जीवन झाँकी का शुरुआत से अंत तक दर्शन करना है। इस उपन्यास से मिली सीख को अपनी ज़िंदगी के लिये सबक के रूप में इस्तेमाल करना, संघर्ष के दिनों में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित कर सकता है।
कवीन्द्र कबीर एक स्वतंत्र लेखक, ब्लॉगर और अनुवादक होने के साथ-साथ यायावर प्रकृति के है, इन्हें पढ़ने के साथ-साथ दुनिया घूमने का भी शौक है।