प्रश्न. वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व क्या है? यह भारतीय समाज को कैसे लाभान्वित कर सकता है?
16 Dec 2021 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी
हल करने का दृष्टिकोण:
|
वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (SSR), ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में ज्ञान कार्यकर्त्ताओं का एक नैतिक दायित्व है जिसके तहत उनसे यह आशा की जाती है कि वे अपने ज्ञान और संसाधनों का समाज के व्यापक हित में उपयोग करेंगे जिससे कि एक वैज्ञानिक परिवेश का निर्माण हो सके।’
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश के वैज्ञानिक समुदाय के लिये अनिवार्य कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व मॉडल की तर्ज़ पर एक वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व नीति का मसौदा तैयार किया है। मसौदा नीति के अनुसार, प्रत्येक ‘ज्ञान कार्यकर्त्ता’ को प्रत्येक वर्ष कम-से- कम 10 व्यक्तिगत दिवस वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधि के लिये समर्पित करना होगा, जिनमें स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान देना, बुनियादी समझ को साझा करना, कौशल विकास कार्यशालाओं का संचालन करना और स्थानीय पर्यावरण या स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिये साथ आना शामिल हो सकता है। लाभार्थियों में छात्राएँ स्कूल और कॉलेज के शिक्षक, स्थानीय निकाय, महिला समूह, गैर-सरकारी संगठन और एमएसएमई शामिल हो सकते हैं।
भारतीय समाज में वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व नीति की भूमिका:
किसी राष्ट्र की प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि वैज्ञानिक सोच ने समाज को किस हद तक प्रभावित किया है। सामाजिक-आर्थिक विकास और नागरिकों के रोज़मर्रा के जीवन को बदलने के लिये विज्ञान और समाज के बीच संपर्क अनिवार्य है। वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व हमारे संविधान में मौलिक कर्त्तव्यों के तहत उल्लिखित वैज्ञानिक स्वभाव के विकास के उद्देश्य को भी पूरा करता है।