प्रश्न. उन तरीकों की चर्चा कीजिये जिनसे प्रवासी भारतीय भारत की विकास गाथा में रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
19 Nov 2021 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | अंतर्राष्ट्रीय संबंध
हल करने का दृष्टिकोण:
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प्रवासी भारतीय उन व्यक्तियों या व्यक्तियों के समूह को कहा जाता है, जो अपनी उत्पत्ति (जन्म या पैतृक रूप से) से भारतीय मूल के हैं, किंतु किसी अन्य देश में स्थायी या अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं। इनमें गैर-निवासी भारतीय (NRIs), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIOs) तथा भारत के प्रवासी नागरिक (OCls) आते हैं। हाल ही में भारत सरकार ने पी.आई.ओ. और ओ.सी.आई. के वर्गीकरण को एकीकृत कर दिया है।
प्रवासी भारतीय देश की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। एक अनुमान के आधार पर भारत के लगभग 1.6 करोड़ प्रवासी विश्व भर के देशों में निवास करते हैं, जो कि प्रति वर्ष जी.डी.पी. में 430-490 अरब डॉलर का योगदान देते हैं। निम्नलिखित तरीकों से प्रवासी भारत की विकास गाथा में योगदान दे सकते हैं-
भारत का तकरीबन 25 मिलियन डायस्पोरा विश्व भर में भारतीय प्रतिष्ठा को बनाने तथा द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने का कार्य करता है, जो कि पीपल-टू-पीपल कॉन्टेक्ट को बढ़ाकर देश की ‘सॉफ्ट पॉवर’ कूटनीति के लिये महत्त्वपूर्ण उपकरण साबित होता है। इस प्रकार भारत एवं उसके प्रवासियों की नियति आपस में जुड़ी हुई है, जिसका समग्र लाभ उठाने के लिये भारत को इनके पारस्परिक हितों का संरक्षण सुनिश्चित कराकर इनसे सहजीवी संबंध स्थापित करना चाहिये।