प्रश्न. विनिवेश से क्या आशय है? यह रणनीतिक विनिवेश से किस प्रकार अलग है? आपको ऐसा क्यों लगता है कि सरकार ने विनिवेश के लिये लक्ष्य आधारित दृष्टिकोण अपनाया है?
13 Dec 2021 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- विनिवेश का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
- इसके रणनीतिक विनिवेश से अलग होने को स्पष्ट कीजिये।
- सरकार द्वारा विनिवेश का मार्ग अपनाए जाने के उद्देश्य को लिखिये।
- संतुलित निष्कर्ष लिखिये।
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विनिवेश का अर्थ किसी कंपनी, उपक्रम या अन्य निवेशों में से अपनी हिस्सेदारी को बेचने से है। व्यवसायी और सरकारें आमतौर पर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA's) से होने वाले नुकसान से बचने के लिये किसी विशेष उद्योग से बाहर निकलने या धन जुटाने के लिये विनिवेश का सहारा लेती हैं।
- राजस्व जुटाने के लिये सरकारें अक्सर सार्वजानिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को बेच देती हैं। हाल के समय में केंद्र सरकार ने घाटे में चल रहे सार्वजानिक क्षेत्र के उद्यमों से बाहर निकलने और गैर-कर राजस्व को बढ़ाने के लिये इस माध्यम को अपनाया है।
‘रणनीतिक विनिवेश’ से तात्पर्य- केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ 50 प्रतिशत तक या उससे उच्च प्रतिशत की सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से है।
- भारत में विनिवेश के मायने: भारत में इसका उद्देश्य विशिष्ट आवश्यकताओं, जैसे नियमित स्रोतों से होने वाले राजस्व की कमी को पूरा करने के लिये धन जुटाना है। कुछ मामलों में, संपत्ति के निजीकरण के लिये भी विनिवेश किया जाता है। विनिवेश के कुछ लाभ ये हैं कि यह देश के दीर्घकालिक विकास में सहायक हो सकता है, यह सरकार यहाँ तक कि कंपनियों को भी कर्ज को कम करने की अनुमति देता है।
- अपने खुद के उपक्रमों तथा व्यवसायों का विनिवेश कर सरकार इससे प्राप्त आय का बेहतर उपयोग कर सकती है। यह विचार पहली बार वर्ष 1991 के बजट में आया था, जब भारत ने अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करते हुए इसमें सुधार करना प्रारंभ किया था। पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्रालय ने `1 लाख 5 हज़ार करोड़ के विनिवेश का लक्ष्य रखा जबकि विनिवेश के माध्यम से सरकार ने पहले ही `17,364.26 करोड़ प्राप्त कर लिये थे। विनिवेश सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों में एक बड़े हिस्से के स्वामित्व की अनुमति बाज़ार को देता है जबकि बदले में भारत में एक मज़बूत पूंजी बाज़ार के विकास की अनुमति प्राप्त करता है।
- भारत में विनिवेश के मुख्य उद्देश्य:
- राजकोष पर राजकोषीय दबाव कम करना।
- सार्वजनिक वित्त में सुधार करना।
- निजी स्वामित्व को प्रोत्साहित करना।
- वित्त के माध्यम से संवृद्धि को गति देना।
- बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धा को बनाए रखना और बढ़ावा देना।
सरकार को राजस्व में वृद्धि करने के लिये विनिवेश के अलावा अन्य उत्पादक साधनों की तलाश करनी चाहिये। अर्थव्यवस्था को मंदी की स्थिति से बाहर निकालना एवं अपने कर संग्रह में वृद्धि करने का भी प्रयास करना चाहिये। विनिवेश सरकार को घाटे से उबारने और प्रतिस्पर्द्धा में आने वाली विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकालने का संरचनात्मक समाधान है, लेकिन फिर भी भारत को नियामकीय और प्रशासनिक अनिश्चितता के संदर्भ में और सुधार करने की आवश्यकता है।