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20 Dec 2021
रिवीज़न टेस्ट्स
सामान्य अध्ययन पेपर 2
सम्पूर्ण टेस्ट पाठ्यक्रम सामान्य अध्ययन पेपर 2
1. लोकसभा अध्यक्ष की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने वाले विभिन्न कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों को बताइये। (150 शब्द)
2. "आत्मनिर्भर भारत के तहत समाज और अर्थव्यवस्था में वांछित संरचनात्मक सुधार केवल तभी देखे जा सकते हैं जब कौशल विकास इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की रीढ़ बन जाए।" विस्तृत वर्णन कीजिये। (150 शब्द)
3. भारत में न्यायालय की अवमानना का वैधानिक आधार क्या है? आप कहाँ तक सहमत हैं कि न्यायिक संस्थानों को सुरक्षा की आवश्यकता है?
4. क्या आप इस मत से सहमत हैं कि संसदीय विशेषाधिकारों के दुरुपयोग तथा इनके द्वारा व्यक्तिगत मौलिक अधिकारों में की जाने वाली कटौती के कारण इन्हें संहिताबद्ध करने की आवश्यकता है? (150 शब्द)
5. देश के विकास हेतु जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करने के लिये ग्रामीण केंद्रित नीतियों की आवश्यकता होगी। विवेचना कीजिये।
6. भारत में संविधान की आधारभूत संरचना का सिद्धांत कैसे उभरा और विकसित हुआ? (150 शब्द)
7. विधानपरिषदों की यह आलोचना की जाती है कि वे राज्य के बजट पर अनावश्यक बोझ हैं तथा विधान पारित करने में अड़चनों का कारण बनती हैं। विश्लेषित कीजिये। (250 शब्द)
8. "एक साथ चुनाव" या "एक राष्ट्र, एक चुनाव" प्रणाली से आप क्या समझते हैं? ऐसी व्यवस्था के गुण-दोषों का विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)
9. एक विश्वसनीय समुद्री सिद्धांत तैयार करने में भारत के समक्ष उपस्थित प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
10. कोविड -19 महामारी ने पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित किया और लैंगिक अंतराल को और बढ़ा दिया है। इस कथन पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
11. भारत में गरीबी के समाधान और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाने के लिए माइक्रोफाइनेंसिंग की शुरुआत की गई थी। अपनी मज़बूत क्षमता के बावजूद, माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र भारत में अभिगम्यता से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहा है। विश्लेषण कीजिये। (250 शब्द)
12. गैर-सरकारी संगठनों को नौकरशाही के विरोध में नहीं देखा जाना चाहिये बल्कि उन्हें उनका विस्तार समझा जाना चाहिये। टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)
13. महिला स्वयं सहायता समूहों ने कोविड -19 के प्रकोप के दौरान सामुदायिक स्तर पर उभरी आर्थिक और सामाजिक ज़रूरतों को पूरा करने में समग्र रूप से योगदान दिया है। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
14. किसी भी पद के विवेकाधिकारों के प्रयोग पर नैतिक दायित्वों का निर्धारण वस्तुनिष्ठता एवं निष्पक्षता के द्वारा किया जाता है, जबकि राज्यपाल के कार्यालय में निहित शक्तियाँ प्राय: विवादों में रहती हैं। विश्लेषित कीजिये। (250 शब्द)
15. भारत में उपलब्ध वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के विभिन्न रूपों की व्याख्या कीजिये। विवादों को निपटाने के पारंपरिक तरीकों पर यह क्या सुझाव देता है? (250 शब्द)
16. भारतीय संविधान विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच ‘कार्यात्मक अतिव्यापन’ करता है। स्पष्ट कीजिये। (250 शब्द)
17. ‘‘ग्रामीण विकेंद्रीकरण के प्रति भारत की वचनबद्धता के बावजूद पंचायतें अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाईं।’’ चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
18. SCO, यूरेशियाई दिक् में एक प्रमुख क्षेत्रीय संगठन के रूप में उभरा है। इस कथन के आलोक में भारत द्वारा अपने राष्ट्रीय हित को पूरा करने के लिये उपलब्ध अवसर की चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
19. 21वीं सदी में खाड़ी देशों के साथ भारत को न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक महत्त्व के आधार पर भी संबंधों को समझना होगा। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
20. ‘‘सामाजिक अंकेक्षण परिकल्पना और वास्तविकता के बीच के अंतर को कम करने में सहायता प्रदान करता है।’’ इस कथन का परीक्षण कीजिये और भारत में सामाजिक अंकेक्षण को प्रणालीबद्ध करने में आने वाली बाधाओं पर भी चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
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