प्रश्न.1 हड़प्पाई शहरों के पतन मात्र से हड़प्पाई परंपराएँ समाप्त नहीं हो जातीं। चर्चा कीजिये। (150 शब्द)
09 Dec 2021 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | संस्कृति
हल करने का दृष्टिकोण:
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हड़प्पा सभ्यता विश्व की तीन प्राचीन मानवीय सभ्यताओं नामत: मेसापोटामिया, माया एवं मिस्र के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में फैली एक नगरीकृत सभ्यता थी। कार्बन डेटिंग के अनुसार यह 2500 से 1700 ईसा पूर्व तक भारतीय उपमहाद्वीप में बनी रही। हड़प्पा सभ्यता का पतन 1800 ई.पू. में दिखाई देता है। हड़प्पा का पतन एक रहस्यमयी घटना है जिसके वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी के कारण इसका वर्णन कठिन कार्य है। हड़प्पा सभ्यता के पतन के पीछे समय-समय पर इतिहासकारों ने अनेक कारण, जैसे- आर्य आक्रमण, जलवायु परिवर्तन, सरस्वती नदी का सूखना तथा एक प्रलयकारी बाढ़ आदि को उत्तरदायी माना है।
वस्तुत: हड़प्पा सभ्यता के शहरों के भौतिक पतन का तात्पर्य यह नहीं है कि हड़प्पाई परंपराएँ व मान्यताएँ भी समाप्त हो जाएँ। हड़प्पा सभ्यता की जीवंतता को कई उदाहरणों से देखा जा सकता है-
इसी प्रकार अन्य वस्तुएँ, जैसे- कृषि उपकरण, बैलगाड़ियाँ, मूर्तिकला, सौंदर्य प्रसाधन, वस्त्र निर्माण, भवन निर्माण योजना, सड़क निर्माण की ग्रिड प्रणाली, जल-मल निकास प्रणाली आदि सभी हड़प्पाई सभ्यता का ही परस्पर परिष्कृत रूप हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता की महान ऐतिहासिक परंपरा वर्तमान में भी जीवंत है।