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02 Dec 2021
सामान्य अध्ययन पेपर 4
सैद्धांतिक प्रश्न
प्रश्न : डॉ. बी.आर. अंबेडकर के जीवन से मिले कौन-से सबक आपके लिये सबसे अधिक प्रासंगिक हैं और क्यों? (150 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- डॉ. अंबेडकर का परिचय देकर उनके विचारों एवं मूल्यों को बताइये।
- उनके जीवन से सीखे गए सबकों, विशेषकर उनके व्यक्तित्व से प्रेरित मूल्यों की चर्चा कीजिये।
- वर्तमान समय में उनके विचारों की प्रासंगिकता को बताते हुए उत्तर समाप्त कीजिये।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर (1891-1956) न केवल एक संविधान विशेषज्ञ बल्कि एक महान समाज सुधारक, नैतिक और दार्शनिक विचारक भी थे। उनका पूरा जीवन चुनौतियों और संघर्षों से भरा था लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों का सामना अदम्य साहस और ईमानदारी से किया। कोई भी व्यक्ति उनके जीवन से सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, कठिन परिश्रम, करुणा और दृढ़ता जैसे मूल्यों को आत्मसात् कर सकता है।
मेरे विचार से डॉ. बी.आर. अंबेडकर के जीवन के निम्नलिखित मूल्य वर्तमान में सर्वाधिक प्रासंगिक हैं-
- निर्णयन- एक व्यक्ति, जो अपने जीवन में कठिन फैसले ले सकता है, सदैव सफल होता है। डॉ. अंबेडकर ने महिलाओं के कल्याण के लिये हिंदू कोड बिल लागू करते समय अत्यधिक विरोध का सामना किया, लेकिन वह पीछे नहीं हटे और उन्होंने अपनी बात को साबित करने हेतु कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में सरकार द्वारा मामूली बदलावों के साथ कोड को लागू किया गया।
- दया और संवेदनशीलता- डॉ. अंबेडकर समाज के कमज़ोर वर्गों, जैसे- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिलाओं, बच्चों, गरीबों आदि के प्रति सदैव संवेदनशील और दयालु थे और अंतिम समय तक उनके अधिकारों के लिये संघर्ष करते रहे। वे कहते थे, ‘‘मैं किसी राष्ट्र की प्रगति को, वहाँ की महिलाओं की प्रगति से मापता हूँ।’’
- सत्यनिष्ठा- डॉ. अंबेडकर एक गरीब परिवार से थे, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रकार के मौद्रिक या भौतिक लाभ के लिये अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और समाज की बुराइयों का सामना पूरी ईमानदारी से किया। यह अभिवृत्ति वर्तमान युग में बढ़ते भ्रष्टाचार और नैतिक मूल्यों के होते ह्रास के कारण प्रासंगिक है।
- निष्पक्षता- डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति से थे, लेकिन उन्होंने कभी भी समाज की अन्य जातियों या वर्गों से कोई अनुचित व्यवहार नहीं किया। उन्होंने पूरी निष्पक्षता के साथ नीतियों का गठन किया और किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह के कारण लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया। यही कारण है कि आज हमारा संविधान विश्व के सबसे अच्छे संविधानों में से एक बन सका है। अत: एक सिविल सेवक को सदैव अपने मूल्यों में निष्पक्षता को शामिल करना चाहिये।
- दृढ़ता- समाज के निचले वर्ग तक न्याय पहुँचाने का अंबेडकर का लक्ष्य चुनौतियों से भरा था। फिर भी महाद सत्याग्रह और कलाराम मंदिर आंदोलन के दौरान हुए हिंसक विरोध के बावजूद वह अपने लक्ष्य को लेकर अडिग रहे। यह सबक उन लोगों के लिये प्रासंगिक है जो अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में उच्च लक्ष्य रखते हैं।
- आधुनिक मूल्य- डॉ. अंबेडकर वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद, समानता, स्वतंत्रता पर ज़ोर देते थे और सदैव किसी व्यक्ति की गरिमा को नुकसान पहुँचाने वाले रीति-रिवाजों और परंपराओं के खिलाफ रहते थे।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर 20वीं सदी के भारत के सबसे दूरदर्शी व्यक्तियों में से एक थे। उनकी सोच एवं विचारों ने आधुनिक भारतीय गणराज्य की नींव रखी। आज भी उनके मूल्य हमारे समाज में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण प्रासंगिक हैं। भारत को एक समतावादी और उदारवादी राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की दिशा में प्रयास करने हेतु वे आज भी हमें प्रेरित करते हैं।