इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिज़िकल सिस्टम (NM-ICPS) के संदर्भ में राष्ट्रीय मिशन क्या है? यह भारत में किस प्रकार तकनीकी विकास के क्षेत्र में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकता है? (150 शब्द)
17 Dec 2020 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
दृष्टिकोण
- इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिज़िकल सिस्टम(NM-ICPS) पर राष्ट्रीय मिशन को बताते हुए परिचय दीजिये।
- संक्षेप में इसका उद्देश्य और उपयोगों के बारे में बताएँ।
- भारत के तकनीकी विकास में इसके प्रभावों के बारे में बताएँ।
- उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।
परिचय
- राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS) एक व्यापक मिशन है जो साइबर फिजिकल सिस्टम (CPS) और संबद्ध तकनीकों में प्रौद्योगिकी विकास, अनुप्रयोग, मानव संसाधन विकास और कौशल वृद्धि, उद्यमशीलता और स्टार्ट-अप विकास को संबोधित करेगा।
प्रारूप
NM-ICPS के उद्देश्य
- मिशन का लक्ष्य 15 प्रौद्योगिकी नवाचार हब (TIH), छह अनुप्रयोग नवाचार हब (AIH) और चार प्रौद्योगिकी अनुवाद अनुसंधान पार्क (TTRP) की स्थापना करना है।
- ये हब और टीटीआरपी देश भर में प्रतिष्ठित शैक्षणिक, आरएंडडी और अन्य संगठनों के हब और स्पोक मॉडल में समस्याओं के समाधान करने हेतु शिक्षाविदों, उद्योग, केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
- हब और टीटीआरपी में चार केंद्रित क्षेत्र शामिल हैं जिनके साथ मिशन कार्यान्वयन को आगे बढाया जाएगा जो इस प्रकार है:
- प्रौद्योगिकी विकास।
- HRD और कौशल विकास।
- नवाचार, उद्यमशीलता और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकास।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग।
CPS के अनुप्रयोग
- साइबर-फिज़िकल सिस्टम भौतिक वस्तुओं और अवसंरचना में संवेदन, अभिकलन, नियंत्रण और नेटवर्किंग को एकीकृत करता हैं तथा उन्हें इंटरनेट और एक-दूसरे से जोड़ता है।
- चालक रहित कारें जो स्मार्ट सड़कों पर एक-दूसरे के साथ सुरक्षित रूप से चलती हैं, घर में बदलती स्वास्थ्य स्थितियों का पता लगाने, कृषि प्रथाओं में सुधार करने और वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले मुद्दों के समाधान में सक्षम करना इत्यादि में।
- साइबर-फिज़िकल सिस्टम प्रगति क्षमता, अनुकूलन क्षमता, स्केलेबिलिटी, लचीलापन, बचाव, सुरक्षा और उपयोगिता को सक्षम करेगा जो आज के सरल एम्बेडेड सिस्टम से कहीं बढ़कर है।
- CPS और उससे जुड़ी प्रौद्योगिकियांँ, जैसे-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Al), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (loT), मशीन लर्निंग (ML), डीप लर्निंग (DP), बिग डेटा एनालिटिक्स आदि में विद्यमान हैं तथा यह लगभग हर क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही हैं।
प्रभाव
- CPS प्रौद्योगिकियांँ एक राष्ट्र के वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग और तकनीकी नवीन क्षमताओं के लिये अत्याधुनिक हैं जो सरकार के अन्य मिशनों हेतु औद्योगिक और आर्थिक प्रतिस्पर्द्धात्मकता प्रदान करती है तथा वास्तव में एक रणनीतिक संसाधन बन गए हैं।
- प्रस्तावित मिशन विकास के एक इंजन के रूप में कार्य करेगा जो स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, रणनीतिक सह सुरक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों, उद्योग 4.0, स्मार्ट शहरों, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) आदि में राष्ट्रीय पहलों को लाभान्वित करेगा।
- सीपीएस आगामी प्रौद्योगिकी की एक एकीकृत प्रणाली है जिसे विकास के क्रम में देशों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर अपनाया जा रहा है। सीपीएस वास्तव में पूरे कौशल सेट की आवश्यकता में एक बदलाव लाएगा।
- उन्नत कौशल प्रदान करने और उद्योग/ समाज की आवश्यकता के अनुसार कुशल श्रमशक्ति उत्पन्न कर मिशन के माध्यम से रोज़गार के अवसरों को बढ़ाया जाएगा। तदनुसार यह अनुमानित है कि लघु अवधि में लगभग 40,000 रोजगार तथा दीर्घावधि में लगभग 2,00,000 रोज़गार सृजित होंगे।
निष्कर्ष
- इस प्रकार सरकार और उद्योगों के लिये प्रतिस्पर्द्धा, सामाजिक प्रगति, रोज़गार के अवसर उत्पन्न करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और पर्यावरण की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु इन उभरती और विध्वंसकारी तकनीकों को अपनाना अनिवार्य हो गया है।