जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट भारत को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में शानदार प्रगति करने का अवसर प्रदान करता है। चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
17 Dec 2020 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
दृष्टिकोण
- संक्षेप में जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट और उसके उद्देश्यों के बारे में बताएँ।
- इस परियोजना के महत्त्व और इच्छित लाभों पर चर्चा कीजिये।
- संबंधित चुनौतियों को संक्षेप में बताएँ।
- उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।
परिचय
- जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट (GIP) भारतीय विज्ञान संस्थान तथा कुछ IIT सहित कुल 20 संस्थानों के सहयोग से चिकित्सा, कृषि और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम क्षमताओं को स्थापित करेगा।
- इसका उद्देश्य भारतीय "संदर्भ जीनोम" के एक ग्रिड का निर्माण करना है जो कि विविध भारतीय आबादी में पाए जाने वाले रोगों एवं लक्षणों के प्रकार और प्रकृति को पूरी तरह से समझने में सक्षम हो।
- जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट से एक प्रतिनिधि पहुँचाने के लिये संपूर्ण भारत से प्रथम चरण में 10,000 नमूनों को एकत्र करने के बाद इस मेगा प्रोजेक्ट से ग्रिड बनाने की उम्मीद है।
प्रारूप
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट का महत्त्व:
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट, ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (HGP 1990-2003) से प्रेरित है जो एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसके तहत संपूर्ण मानव जीनोम को डिकोड किया गया है।
- HGP की एक प्रमुख समस्या विविधता है क्योंकि HGP के तहत लिये गए अधिकांश जीनोम (95% से अधिक) शहरी मध्यम वर्ग के श्वेत लोगों से प्राप्त किये गए हैं। इस प्रकार HGP को मानव जीनोम के वास्तविक प्रतिनिधि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये।
- इस संदर्भ में GIP का उद्देश्य मानव प्रजातियों से संबंधित उपलब्ध जानकारी को व्यापक रूप से जोड़ना तथा भारतीय जनसंख्या एवं यहाँ की विविधता, दोनों के कारणों को आगे बढ़ाना है। इस विविधता को निम्न रूपों में दर्शाया जा सकता है:
- क्षैतिज विविधता: भारतीय उपमहाद्वीप विशाल प्रवासों का स्थल रहा है जहाँ पहले अफ्रीका से प्रवासी आए। इसके अलावा यहाँ विश्व की विविध आबादी ने का समय-समय पर प्रवास किया जिस कारण लगभग सभी जातियों और आनुवांशिक प्रकारों के परस्पर संबंध का एक बहुत ही विशेष मामला है।
- कार्यक्षेत्र की विविधता: अलग-अलग समूहों के मध्य अंतर-विवाह प्रथा विद्यमान रही है, परिणामस्वरूप कुछ समूहों में बीमारियों का संचरण हुआ, जबकि अन्य कुछ समूहों को यह विरासत में मिली है।
- दोनों प्रकार की विविधताओं का अध्ययन और उनके बारे में समझ पृथ्वी पर व्यक्तियों के एक बहुत बड़े समूह के स्वास्थ्य सेवा का आधार प्रदान करने में सहायक होगा।
GIP के लाभ
- प्रिसिज़न हेल्थ केयर: GIP मरीज़ों के जीनोम के अनुसार दवाओं के विकास, रोगों की आशंका और उपचार को संशोधित करने में मदद करेगा।
- उदाहरण के लिये दक्षिण एशियाई लोगों के मामले में हृदय से संबंधित रोगों में सामान्यत: दिल का दौरा पड़ना शामिल है, जबकि अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में हृदय रोग में स्ट्रोक/आघात की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
- रोग के प्रति ऐसी प्रवृत्ति को समझने के लिये विभिन्न जीनोम की मैपिंग की जा सकती है जिससे संभावित रोग के विकसित होने से पहले ही सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप द्वारा उसे बेहतर तरीके से लक्षित किया जा सकता है।
- इसका उद्देश्य अंततः भारतीय "संदर्भ जीनोम" हेतु एक ग्रिड का निर्माण करना है, जो कि विविध भारतीय आबादी वाले रोगों और लक्षणों के प्रकार और प्रकृति को पूरी तरह से समझने में सक्षम हो। उदाहरण के लिये, यदि पूर्वोत्तर भारत में किसी विशिष्ट बीमारी को देखा जाता है तो सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप सहायता द्वारा बीमारी का समाधान करना आसान होगा।
- सतत कृषि: यदि कृषि में कीटों, कीड़ों तथा उत्पादकता को प्रभावित करने वाले अन्य कारक, जो कि बाधा उत्पन्न करते हैं, वे आनुवांशिक आधार की बेहतर समझ होने पर ही इसका लाभ कृषि में मिलेगा। यह रसायनों पर निर्भरता को कम कर सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: विश्व के सबसे विविध जीन पूल में से एक मैपिंग प्रोजेक्ट से वैश्विक विज्ञान को भी लाभ होगा। ऐसा माना जा रहा है कि यह अपने पैमाने और विविधता के कारण विश्व में अपनी तरह की सबसे महत्त्वपूर्ण परियोजना है तथा आनुवंशिक अध्ययन में भी सहायक होगी ।
संबंधित चुनौतियाँ
- वैज्ञानिक जातिवाद का डर: आनुवंशिकता और नस्लीय शुद्धता के सवाल ने सभ्यताओं को पोषित किया है। जीन के अधिक वैज्ञानिक अध्ययन और वर्गीकरण ने रूढ़ियों को मज़बूती प्रदान की है जो राजनीति एवं इतिहास को एक नस्लीयता की तरफ परिवर्तित कर सकता है।
- भारत में, पहचान की राजनीति के कारण विभाजित राष्ट्र, आनुवंशिक समूहों के मानचित्रण में वैज्ञानिक कार्य, जाति की प्रचलित धारणा के आधार पर समाज का और अधिक विभाजन कर सकता है।
- डेटा और संग्रहण: नमूनों के संग्रहण के बाद डेटा के खोने और इसके संभावित उपयोग एवं दुरुपयोग के प्रति सतर्क रहना होगा।
- भारत को अभी पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ डेटा गोपनीयता के संदर्भ में विधेयक पारित करना है, अत: GIP को लॉन्च करने से पहले गोपनीयता का प्रश्न अन्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
- मेडिकल एथिक्स: एक ऐसी परियोजना जिसका उद्देश्य केवल आनुवंशिक जानकारी का एक डेटाबेस बनाना है, डॉक्टरों के समक्ष निजी तौर पर जीन संशोधन का जोखिम पैदा करता है।
- चयनात्मक प्रजनन या युजनिक्स हमेशा ही लंबे समय से विवाद का विषय रहा है क्योंकि हाल ही में शांगहाई के एक वैज्ञानिक जिसने विश्व के पहले जीन-संशोधित शिशुओं को उत्पन्न किया तो तीन वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है।
निष्कर्ष
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट भारत को जैव प्रौद्योगिकी, कृषि और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में छलांँग लगाने और प्रगति करने का अवसर प्रदान करता है। इस कार्य को तीव्रतम गति और अधिकतम सावधानी के साथ किये जाने की आवश्यकता है।