नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

Be Mains Ready

  • 24 Nov 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    अभिवृत्ति और अभिरुचि के मध्य अंतर को बताए? आपके अनुसार इन दोनों में से एक सिविल सेवक के लिये कौन-सा अधिक महत्त्वपूर्ण है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ समझाइए। (150 शब्द)

    उत्तर

    दृष्टिकोण:

    • अभिवृत्ति और अभिरुचि के मध्य अंतर को सूचीबद्ध कीजिये।
    • उदाहरण की सहायता से एक सिविल सेवक के लिये अभिवृत्ति और अभिरुचि दोनों की आवश्यकता को बताएंँ।

    परिचय: 

    • जीवन के किसी भी पड़ाव में सफल होने के लिये अभिवृत्ति और अभिरुचि दोनों आवश्यक लक्षण हैं। हालांँकि समाज पर इनके प्रभाव नागरिक सेवाओं के संदर्भ में अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। अभिवृत्ति और अभिरुचि के मध्य कुछ महत्त्वपूर्ण अंतर इस प्रकार हैं:

    प्रारूप 

    अभिवृत्ति

    अभिरुचि

    मनोवृत्ति किसी विशेष स्थिति, व्यक्ति, बात या किसी मुद्दे पर मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया को संदर्भित करती है। यह सकारात्मक एवं नकारात्मक हो सकती है।

    यह एक निश्चित प्रकार के कार्य को करने के लिये योग्यता का एक घटक है।

    इसका संबंध चरित्र या गुणों से है।

    यह संबंध प्रतिभा से है।

    यह एक मानसिक पहलू है।

    इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों पक्ष शामिल हैं।

    मनोवृत्ति अपेक्षाकृत स्थायी प्रकृति की होती है। यदि एक आधुनिक समाज में मनोवृत्ति अवांछनीय है, तो इसे तदनुसार बदला जाना चाहिये।

    जैसे: विभिन्न अभियानों (विज्ञापनों) द्वारा सरकार स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिये नागरिकों के दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश कर रही है।

    अभिरुचि को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से बदला और विकसित किया जा सकता है।

    • एक सिविल सेवक के पास किसी भी जटिल, बहुआयामी और गतिशील स्थिति के लिये पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिये दोनों (अभिवृत्ति और अभिरुचि ) का होना ज़रूरी है। एक सकारात्मक अभिवृत्ति से युक्त सिविल सेवक अपनी योग्यता का उपयोग समाज के कल्याण के लिये करता है।उदाहरणत: 
      • हाल ही में, एक आईएएस अधिकारी द्वारा केरल बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत सामग्री एकत्र करने हेतु स्वेच्छा से सहायता की गई। अधिकारी में लोगों के बीच पहुँचकर उनकी मदद करने के प्रति एक अभिवृत्ति विद्यमान थी। इस मामले में सेवा भाव के लिये किसी योग्यता या कौशल का होना महत्त्वपूर्ण नहीं है अर्थात् यह अभिवृत्ति का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
      • एक अन्य उदाहरण में केरल के एक आईएएस अधिकारी द्वारा कम्पासियनेट कोझिकोड, ऑपरेशन सुलेमानी, फ्रीडम कैफे, तेरे मेरे बीच में आदि जैसी पहलों की शुरुआत की गई। शासन में एक नए युग की शुरुआत करने के लिये उसके द्वारा सोशल मीडिया और प्रौद्योगिकी के इष्टतम उपयोग द्वारा रोज़गार उपलब्ध कराकर ज़िला प्रशासन और नागरिकों के मध्य खाई को पाटने का प्रयास किया। वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये यह अभिरुचि या कौशल समूह के महत्त्व का एक उदाहरण था।
    • सही अभिवृत्ति भावनात्मक बुद्धिमत्ता, नेतृत्व, टीम भावना, बंधुत्व, सहानुभूति, करुणा जैसे अन्य पहलुओं को प्रभावित करने में मदद करती है, जो एक सिविल सेवक के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है।

    निष्कर्ष:

    इस प्रकार एक सफल प्रशासक को समाज की सेवा करने के लिये दोनों ही दृष्टिकोणों अर्थात् अभिवृत्ति और अभिरुचि की आवश्यकता होती है। यद्यपि इनका महत्त्व मामलों के अनुसार भिन्न- भिन्न हो सकता है। हालांँकि, अभिवृत्ति को अक्सर अभिरुचि पर प्राथमिकता की जाती है क्योंकि इसे बाद में आसानी से बढ़ाया एवं परिवर्तित किया जा सकता है लेकिन प्रारंभ में इसे बदलना मुश्किल है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow