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13 Jun 2019
सामान्य अध्ययन पेपर 3
अर्थव्यवस्था
वैश्वीकरण ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) को किस प्रकार प्रभावित किया है? इस समस्या से निपटने के लिये भारत सरकार के हाल के नीतिगत प्रयासों का परिक्षण कीजिये।
उत्तर
प्रश्न हल करने का दृष्टिकोण
- धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और वैश्वीकरण के बीच क्या संबंध है, इसका संक्षिप्त विवरण देते हुए उत्तर की शुरुआत करें।
- संक्षेप में बताए कि किस प्रकार वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्रिंग को प्रभावित करता है।
- सरकार द्वारा हाल ही में किये गए नीतिगत प्रयासों का परीक्षण करें।
- अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।
परिचय
मनी-लॉन्डरिंग (धनशोधन) वह विधि है जिसमें अपराधी अथवा अवैध स्रोतों से धन प्राप्त करने वाले लोग अपनी संपत्ति/धन के स्रोतों को छुपाते हैं तथा धन को वैध दर्शाने की कोशिश करते हैं जिससे कि कानून प्रर्वतन एजेंसियों को उन पर संदेह न हो।
धनशोधन पर वैश्वीकरण के प्रभाव:
- वित्तीय संस्थानों के परस्पर जुड़ाव/लिंकेज के कारण धन के अवैध संचयन व ट्रांसफर का पता लगाने तथा उसे फ्रीज करना आसान हो गया है।
- वैश्विक वित्तीय संस्थानों के मध्य सरलता से सूचनाओं के आदान-प्रदान के कारण अवैध धन अर्जित करने के साधनों/बिंदुओं की पहचान की जा सकती है।
- वित्तीय अवसंरचना संबंधी तकनीकी व संचार माध्यमों के विकसित होने से धन का लेन-देन तीव्रता से होता है।
भारत सरकार द्वारा धनशोधन को रोकने हेतु किये गए उपाय
- धनशोधन निषेध अधिनियम- 2002 (Prevention of Money Laundring Act-2002)
- यह अधिनियम धनशोधन के माध्यम से खरीदी गई संपत्ति के अधिग्रहण की शक्ति प्रदान करता है।
- यह अधिनियम वित्तीय संस्थानों को उनके ग्राहकों से संबंधित सूचनाओं को संग्रहीत करने तथा मांगने पर प्रस्तुत करने हेतु बाध्य करता है।
- काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और आस्ति) एवं कर अधिरोपण अधिनियम, 2015- यह अधिनियम काले धन का निषेध करेगा। इसके अंतर्गत अप्रकटित आय अथवा संपत्ति पर 300 प्रतिशत दंड लगाने का प्रावधान है।
- बेनामी संपत्ति (निषेध) संशोधित बिल, 2015- इसका उद्देश्य बेनामी संपत्तियों के लेन-देन का निषेध करना है।
- भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का पूर्णकालिक सदस्य है जो आतंकियों को वित्तीय सहायता रोकने और धनशोधन के विरुद्ध कार्यवाही में सहयोग देता है।
- वित्तीय आसूचना एकक-भारत (Fincial Intelligence Unit-India): इसका उद्देश्य वित्तीय तंत्र को धनशोधन, आतंकी वित्तीयन और अन्य आर्थिक वित्तीय आसूचना प्रदान करना है।
आगे की राह
- डिजिटल वित्तीय लेन-देन को बढ़ावा देना।
- के.वाई.सी. नियमों का उचित अनुपालन सुनिश्चित करना।
- धनशोधन व उससे जुड़े संपत्तियों के अधिग्रहण हेतु अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते करना।
- वित्तीय संस्थानों को समय-समय पर सुधार हेतु दिशा-निर्देश जारी करना।