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13 Jun 2019
सामान्य अध्ययन पेपर 3
आंतरिक सुरक्षा
वैश्विक पहुँच और परिष्कृत उपकरण युक्त नए युग के आतंकवाद का सामना करने के लिये देशों के बीच निकट सहयोग (को-ऑपरेशन) और इंटेलिजेंस-शेयरिंग को बढ़ावा दिये जाने की ज़रूरत है। विवेचना कीजिये।
उत्तर
प्रश्न हल करने का दृष्टिकोण
- आतंकवाद को संक्षेप में परिभाषित करें और उदाहरण के साथ बताए कि आतंकवाद का एक नया संस्करण कैसे विकसित हुआ है।
- उन कारणों पर भी चर्चा करें जिनके कारण नए युग के आतंकवाद का उदय हुआ।
- इस संबंध में सुझाव दीजिये कि देशों को इस खतरे से निपटने हेतु क्या करना चाहिये।
- उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।
परिचय
- आतंकवाद का तात्पर्य हिंसा, गैर-कानूनी गतिविधि या धमकी द्वारा किसी समूह, व्यक्ति, समाज के विरुद्ध राजनीतिक धार्मिक या वैचारिक उद्देश्य की प्राप्ति हेतु की जाने वाली कार्यवाही है।
आतंकवाद की नवीन प्रवृत्ति
- हाल ही में आतंकवाद की नवीन प्रवृत्तियाँ परिलक्षित हुई हैं जैसे-
- साइबर आतंकवाद
- वित्तीय आतंकवाद
- मादक पदार्थों के द्वारा आतंकवाद
- जैविक व रासायनिक हथियारों के द्वारा आतंकवाद
- लोन-वुल्फ व आत्मघाती घटनाएँ
- नवीन परिकृत आतंकवाद में पार-देशीय तथा पार-क्षेत्रीय प्रवृत्तियाँ देखी गई हैं। जैसे- ISIS का उदय।
नए युग के आतंकवाद के उदय का कारण
- इंटरनेट व सोशल मीडिया के उद्भव के कारण संचार साधनों की तीव्रता से व्यापक पहुँच। साथ ही इंटरनेट के माध्यम से चरमपंथ का प्रसार व घातक हथियारों तक पहुँच।
- वैश्वीकरण के कारण वित्तीय स्रोतों तक आसान पहुँच। इसका सर्वोत्तम उदाहरण विटकॉइन व साफ्टवेयर पायरेसी है। इसके माध्यम से आतंकी आसानी से वित्त प्राप्त कर लेते हैं।
- राज्य प्रयोजित आतंकवाद नवीन छद्म युद्ध का एक रूप है। यह रणनीतिक रूप से दूसरे देश को कमज़ोर करने के उद्देश्य से किया जाता है। इसका सर्वोत्तम उदाहरण पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंक को बढ़ावा देना है।
- नृजातीय व धर्म आधारित आतंकवाद वर्तमान समय में सर्वाधिक व्यापक है। LTTE तथा ISIS आदि।
UN ने आतंकवाद के वैश्विक स्वरूप का प्रतिरोध करने के लिये निम्नलिखित 4 रणनीतियों की पहचान की है-
- आतंकवाद के उद्भव की अनुकूल परिस्थितियों की पहयान करना तथा राष्ट्रों के मध्य आपसी सहयोग, बातचीत, मध्यस्थता, शांति आदि के माध्यम से मतभेदों को दूर करना और आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त रूप से संघर्ष करना।
- आतंकवाद का मुकाबला कर आतंक को रोकना। आतंकवाद के लिये किसी भी देश की भूमि के उपयोग को रोकना तथा आतंकवाद को प्रोत्साहन प्रदान करने वाली गतिविधियों और आतंकवादियों के वित्तीय स्रोतों को बाधित करना।
- देशों की क्षमता में वृद्धि करना तथा UN की भूमिका को बढ़ाना IMF, WB, UNODC तथा Internationa Criminal Police Organization जैसे संगठनों द्वारा सभी सदस्य राष्ट्रों के मध्य सहयोग को प्रोत्साहन दिये जाने की आवश्यकता है।
निष्कर्षत: वर्तमान समय में आतंकवाद संपूर्ण विश्व के लिये भयानक संकट बन चुका है। इसके कारण विश्व में कोई भी देश तथा भू-भाग सुरक्षित नहीं है। अत: इसके विरुद्ध सभी देशों को संयुक्त रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है।