बुद्ध के उपदेशों पर उपनिषदों के मत का प्रभाव था। परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)
14 Aug 2019 | रिवीज़न टेस्ट्स | इतिहास
प्रश्न विच्छेद • कथन बुद्ध के उपदेशों पर उपनिषदों के मत के प्रभाव से संबंधित है। हल करने का दृष्टिकोण • उपनिषदों के बारे में संक्षिप्त उल्लेख के साथ परिचय लिखिये। • बुद्ध के उपदेशों पर उपनिषदों के मत के प्रभाव के पक्ष एवं विपक्ष का उल्लेख करते हुए उत्तर लिखिये। • उचित निष्कर्ष लिखिये। |
उत्तर-वैदिककालीन दौर में विभिन्न स्तरों पर विद्यमान असमानता ने उपनिषदीय दर्शन की उत्पत्ति के साथ-साथ अन्यों के लिये भी अवसर उपलब्ध कराया। जिस समय बुद्ध उपदेश दे रहे थे उसी समय या उनसे थोड़ा पहले दूसरे अन्य चिन्तक भी कठिन इहलौकिक एवं पारलौकिक प्रश्नों का उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहे थे। उपनिषद उत्तर वैदिक ग्रंथों का हिस्सा था जिसका शाब्दिक अर्थ ‘गुरु के समीप बैठना’ है।
बुद्ध के उपदेशों पर उपनिषदों के मत के प्रभाव का परीक्षण पक्ष (समानता) एवं विपक्ष (असमानता) जैसे बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित रूपों में वर्णित है-
पक्ष:
विपक्ष:
निष्कर्षत: भारतीय दर्शन के विकास में उपनिषदीय दर्शन का उदय एक महत्त्वपूर्ण घटना थी जिसका क्रमिक विकास आने वाले समय में देखने को मिलता है। उपनिषदों एवं बौद्ध धर्म के बीच परिलक्षित समानता एवं असमानता के बिन्दुओं एवं उपनिषदों के बुद्ध पूर्व, समकालीन एवं परवर्ती होने के आधार पर प्रतीत होता है कि वे एक-दूसरे से कुछ मामलों में प्रभावित हुए हों और कुछ मामलों में नहीं भी।