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एबीसी लिमिटेड एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है जो विशाल शेयरधारक आधार के साथ विविध व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्न है। कंपनी लगातार विस्तार कर रही है और रोज़गार का सृजन कर रही है। कंपनी अपने विस्तार और विविधीकरण कार्यक्रम के तहत विकासपुरी में एक नया संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लेती है, जो अविकसित क्षेत्र है। नए संयंत्र को ऊर्जा-कुशल तकनीक का उपयोग करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जो कंपनी को उत्पादन लागत में 20% तक बचाने में मदद करेगा। इस तरह के अविकसित क्षेत्रों को विकसित करने के लिये निवेश आकर्षित करने की सरकार की नीति के साथ कंपनी का निर्णय पूर्णतः उचित है। सरकार ने अविकसित क्षेत्रों में निवेश करने वाली कंपनियों के लिये पाँच साल तक कर अवकाश (टैक्स हॉलिडे) की भी घोषणा की है। हालाँकि नया संयंत्र विकासपुरी क्षेत्र के निवासियों के जीवन में हलचल ला सकता है, जो अन्यथा शांत है। नया संयंत्र लगने से रहने की लागत में वृद्धि हो सकती है तथा अन्य क्षेत्रों से पलायन करके लोग वहाँ आकर सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। संभावित विरोध को भांपते हुए कंपनी ने विकासपुरी क्षेत्र के लोगों और आम जनता को यह बताने की कोशिश की कि कैसे उसकी कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) नीति वहाँ के निवासियों की संभावित कठिनाइयों को दूर करने में मदद करेगी। इसके बावजूद विरोध शुरू हो जाता है और कुछ निवासियों ने मामला न्यायपालिका में ले जाने का फैसला किया क्योंकि सरकार को याचिका देने का कोई परिणाम नहीं निकला। (2016)

(क) मामले में शामिल मुद्दों की पहचान करें।

(ख) कंपनी के लक्ष्य को पूरा करने और निवासियों की चिंता को दूर करने के लिये क्या सुझाव दिया जा सकता है?

23 Aug 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | केस स्टडीज़

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

(A)

इस केस में अंतर्निहित मुद्दे

एबीसी कंपनी की परियोजना सरकार की नीति के अनुरूप होने के बावजूद क्षेत्र के स्थानीय लोगों के प्रतिरोध का सामना कर रही है।

इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • लोगों और उद्योगों के बीच विश्वास में कमी।
  • ज़ेनोफोबिया (अनजान लोगों से भय) जो कि मानव की एक अंतर्निहित मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति है।
  • अविकसित क्षेत्र होने के कारण विकासपुरी के लोगों में जागरूकता का अभाव या अज्ञानता।
  • विकास होने पर रहन-सहन के खर्च मे बढ़ोतरी के साथ सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था में परिवर्तन को लेकर लोगों के बीच डर।

(B)

कंपनी के लक्ष्य और निवासियों की चिंता के बीच संघर्ष को हल करने के लिये कदम

  • सर्वप्रथम और सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि विकास के प्रति स्थानीय लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जाए।
    • सूचना, संचार और शिक्षा के दृष्टिकोण का उपयोग किया जाए।
    • कंपनी को परियोजना के कारण होने वाले विकास और संभावनाओं के बारे में जागरूकता लाने की ज़रूरत है। लोगों को यह विश्वास दिलाया जाए कि इस परियोजना के पूरे होने से, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और क्षेत्र की अवसंरचना का विकास आदि लाभ सामने आएंगे।
    • क्षेत्र के निवासियों और कंपनी के बीच मौजूद विश्वास की कमी को कम करने में भावनात्मक बुद्धिमत्ता सेतु का काम कर सकती है।
  • स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देना और उन्हें सरकार के दृष्टिकोण और योजनाओं से अवगत कराना।
    • स्थानीय निवासियों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करने से उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा होगा तथा उनके मन से सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था में परिवर्तन के प्रति भय भी दूर होगा।
  • कौशल विकास कार्यक्रमों को कंपनी की CSR पहल का हिस्सा बनाना चाहिये।
  • यद्यपि ये विकास बनाम समुदाय के बीच संघर्ष से निपटने के लिये अल्पकालिक उपाय हो सकते हैं किन्तु इसका दीर्घकालिक समाधान समुदाय-संचालित विकास (CDD) दृष्टिकोण में निहित है।

नोट: विश्व बैंक के अनुसार सीडीडी एक दृष्टिकोण है जो स्थानीय विकास परियोजनाओं हेतु सामुदायिक समूहों के लिये नियोजन निर्णयों और निवेश संसाधनों पर नियंत्रण रखता है।