बहिर्जनिक भू-आकृतिक प्रक्रियाओं को निर्धारित करने में तापक्रम एवं वर्षण की भूमिका को स्पष्ट कीजिये।
15 Aug 2019 | रिवीज़न टेस्ट्स | भूगोल
प्रश्न विच्छेद • बहिर्जनिक भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के निर्धारण में तापमान एवं वर्षा की भूमिका बताएँ। हल करने का दृष्टिकोण • बहिर्जनिक भू-आकृतिक प्रक्रिया से आशय स्पष्ट करें। • इस पर तापमान एवं वर्षण के प्रभावों को स्पष्ट करें। |
बहिर्जनिक भू-आकृतिक प्रक्रिया से आशय उन सभी प्रक्रियाओं से है जो धरातल पर बाह्य रूप से क्रियाशील होकर परिवर्तन लाते हैं। इन प्रक्रियाओं को अनाच्छादन के अंतर्गत रखा जा सकता है, जिसमें अपक्षय, बृहद क्षरण, संचलन, अपरदन एवं परिवहन आदि सम्मिलित होते हैं। तापमान एवं वर्षण दो महत्त्वपूर्ण घटक हैं जो इसे नियंत्रित करते हैं। यही कारण है कि ये प्रक्रियाएँ एक जलवायु प्रदेश से दूसरे जलवायु प्रदेश में भिन्न होती हैं।
तापक्रम एवं वर्षण की भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के निर्धारण में भूमिका:
निष्कर्षत: तापक्रम एवं वर्षण बर्हिजनिक भू-आकृतिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने में महत्त्पूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अतिरिक्त वनस्पति का घनत्व, प्रकार एवं वितरण, जो मुख्यत: वर्षा एवं तापक्रम पर निर्भर करते हैं, बर्हिजनिक भू-आकृतिक प्रक्रमों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं।