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  • 11 Aug 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    एक दिये गए परिदृश्य में सेना के दल को आतंकवादियों के ठिकाने का पता चलता है जो ऐसे हमले की तैयारी कर रहे हैं जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा सकते हैं। उनके इस हमले को रोकने के लिये सेना के दल ने एक ड्रोन विमान तैयार किया है, जो आतंकवादियों पर बम गिरा सकता है। जब सेना के लोग बम गिराने को तैयार होते हैं, तभी उनके कैमरों में एक छोटी लड़की दिखाई देती है जो उस क्षेत्र के दायरे में ब्रेड बेच रही है जहाँ बम गिराया जाना है। ऐसे में क्या सेना को अपने मिशन पर आगे बढ़ना चाहिये, जिसमें उस लड़की की मौत हो जाएगी, लेकिन बहुत से लोग मारे जाने से बच जाएंगे।

    1. गुण-दोषों के साथ सैन्य दल के लिये उपलब्ध विकल्पों का परीक्षण करें।

    2. इस परिदृश्य में सैन्य दल के प्रमुख के रूप में आप किस तरह की कार्रवाई करेंगे?

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण

    • उपरोक्त केस स्टडी में शामिल विभिन्न पहलुओं का परिचय दें।

    • हितधारकों की पहचान कीजिये।

    • सैन्य दल के पास उपलब्ध विकल्पों की चर्चा कीजिये।

    • यदि आप सैन्य दल के प्रमुख होते तो कार्रवाई हेतु कौन से विकल्पों का चयन करते?

    (a) इस केस स्टडी में सैन्य दल की नैतिक दुविधा पर प्रकाश डाला गया है जिसे एक आतंकवादी ठिकाने को नष्ट के लिए बम गिराना है, लेकिन इसके साथ ही ब्रेड बेचने वाली एक छोटी लड़की भी मारी जाएगी। दुविधा इन दो पक्षों के मध्य है-

    1. उपयोगितावादी परिप्रेक्ष्य अधिकतम लोगों के अधिकतम सुख को प्राथमिकता देता है तथा एक मासूम लड़की की जान के बदले सैकड़ों अन्य लोगों की जान बचाने के विकल्प को चुनने का मार्ग प्रशस्त करता है।
    2. अनौपचारिक दृष्टिकोण के अनुसार किसी बेकसूर को मारना पूर्णतः अनैतिक है, भले ही एक लड़की को मारने से सैकड़ों लोगों की जान बचती हो, लेकिन फिर भी यह अनैतिक होगा।

    हितधारक

    • आतंकवादी समूह जो कि हमले की तैयारी कर रहे हैं।
    • मासूम लड़की जो कि बम गिराने वाले क्षेत्र में है।
    • सैन्य दल जो ड्रोन का संचालन कर रहा है।
    • सैकड़ों लोग जिनकी जान खतरे में है ।
    • राष्ट्र /समाज।

    सैन्य दल के पास उपलब्ध विकल्प

    • सैन्य दल अपने मिशन के अनुसार आगे बढ़े और बम गिराए ।
      • गुण: सैकड़ों लोगों को आतंकवादी हमले से बचाना और आतंकवादियों के हमले को विफल करना; यह सैन्य दल द्वारा आतंकवादियों से देश की रक्षा के कर्त्तव्य को पूरा करेगा। इस काम के लिये लोग सैन्य दल की सराहना करेंगे तथा यह भी संभव है कि उनके संगठन (सेना) द्वारा उन्हें पुरस्कार और पदोन्नति भी दी जाए।
      • दोष: इसके साथ नुकसान यह होगा कि एक मासूम बच्ची अकारण मारी जाएगी। यह सैन्य दल के सदस्यों को ग्लानि की भावना से ग्रस्त कर सकता है और उनकी अंतरात्मा जीवनभर उन्हें इस कृत्य के लिए कचोट सकती है।
    • मिशन को रद्द करना
      • गुण : यह निर्णय मासूम बच्ची की जान बचा लेगा।
      • दोष : इससे आतंकवादी समूह बच जाएगा, जो सैकड़ों लोगों को मारने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही सैन्य दल पर विफलता का दोष लगाया जा सकता है और भविष्य में इन आतंकवादियों द्वारा किये गए किसी भी आतंकी हमले में यदि कोई नुकसान होता है तो सैनिकों को बेहद पश्चात्ताप होगा।

    (b) सैन्य दल के प्रमुख के रूप में मेरे सामने बम गिराने का आदेश देकर सैकड़ों लोगों की जान बचाने का सकारात्मक कर्त्तव्य और एक मासूम बच्ची की जान लेने के नकारात्मक कर्त्तव्य में से किसी एक को चुनने की नैतिक दुविधा हो सकती है। इस स्थिति में मेरे संभावित निर्णय इस प्रकार होंगे:

    • चूँकि मेरी अंतरात्मा मुझे एक मासूम बच्ची की हत्या की इजाज़त नहीं देगी, अतः मैं कोशिश करूँगा कि मिशन को तब तक स्थगित रखा जाए जब तक कि वह बच्ची बम गिराने वाले क्षेत्र से दूर न चली जाएI इस फैसले से संभावना यह हो सकती है कि आतंकवादी समूह को जाने देने का विनाशकारी परिणाम देश के सैकड़ों लोगों की जान को जोखिम में डाल देगा। ऐसे में मेरी टीम से इस कृत्य का स्पष्टीकरण भी मांगा जा सकता है।
    • मैं यह प्रयास करूँगा कि जितनी जल्दी संभव हो सके उस लड़की को सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया जाए और फिर बम गिराया जाए। इसके लिए संभव हुआ तो मैं वहाँ के स्थानीय खुफिया विभाग या पुलिस कर्मचारियों से संपर्क करूँगा कि तुरंत बच्ची को सुरक्षित रूप से बम गिराने वाले क्षेत्र से हटा दिया जाए। या फिर उस लड़की के आसपास ऐसी परिस्थितियों का निर्माण करूँगा ताकि वह स्वतः ही बम गिराने वाले क्षेत्र से दूर चली जाए।
    • यदि किसी भी तरीके से उस लड़की को बम गिराने वाले क्षेत्र से दूर ले जाना संभव नहीं हो सका तो मैं बम गिराने का आदेश नहीं दूंगा, क्योंकि यदि उस बच्ची की जान चली गई तो उसे जीवित कर पाना संभव नहीं होगा, जबकि भविष्य में उन आतंकवादियों को मार गिराने की संभावनाएँ हो सकती हैं। यदि भविष्य में इन आतंकवादियों द्वारा कोई हमला किया गया तो प्रभावी रणनीति के साथ उनका सामना करके सैकड़ों लोगों लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस प्रकार यह ‘न तुम जीते-न हम हारे’ (win-win) वाली स्थिति होगी।
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