व्यापार युद्ध, अमेरिका प्रथम की नीति आदि की वज़ह से उत्पन्न वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिये जी-20 जैसे वैश्विक मंचों द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका की चर्चा कीजिये।
01 Aug 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
हल करने का दृष्टिकोण: • वैश्विक अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के बारे में उल्लेख कीजिये। • मंदी से निपटने में वैश्विक मंचों और संस्थानों की भूमिका की व्याख्या कीजिये। • वर्तमान स्थिति से उबरने और भविष्य में ऐसे संकट को रोकने के लिये सुझाव दीजिये। |
परिचय:
वैश्विक अर्थव्यवस्था पिछले तीन वर्षों में अपने न्यूनतम रफ्तार पर पहुँच गई है। विश्व बैंक की जून 2019 की ग्लोबल इकनोमिक प्रोस्पेक्टस: हाइटेंड टेंशन, सबड्यूड इन्वेस्टमेंट (Global Economic Prospects: Heightened Tensions, Subdued Investment) रिपोर्ट के अनुसार,अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश, अनुमान से कम रहा है तथा विश्व अर्थव्यवस्था में 2.6% की वृद्धि (जनवरी 2019 से 0.3% कम) होने की उम्मीद है।
स्वरूप/ढाँचा
वैश्विक अर्थव्यवस्था उभरते हुए संरक्षणवाद, तकनीकी परिवर्तनों और प्रमुख वैश्विक संस्थानों में विश्वास की कमी जैसे जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है। ये चुनौतियाँ वैश्विक अर्थव्यवस्था को शासित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था-क्रम को विखंडित कर सकती हैं।
इसलिये जी-20 जैसे वैश्विक मंचों की भूमिका को मज़बूत करने और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक और WTO जैसे प्रमुख संस्थानों में सुधार किये जाने की आवश्यकता है।
वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने में वैश्विक मंचों की भूमिका:
निष्कर्ष:
इस प्रकार एक ‘नए बहुध्रुवीय/बहुपक्षीय’ (New Multilateralism) दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो दुनिया के सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर जीने और वैश्वीकरण तथा प्रौद्योगिकी के आर्थिक लाभों को अधिक व्यापक रूप से साझा किये जाने हेतु प्रतिबद्ध हो। यह प्रभावी ढंग से अनुक्रिया करने हेतु क्षमताओं को विकसित करके भविष्य के संकट को रोक सकता है। यह संस्थानों में अविश्वास को दूर करने और एक साझे तथा समृद्ध भविष्य के निर्माण का एक व्यावहारिक तरीका है।