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पूर्ववर्ती योजनाओं की तुलना में आयुष्मान भारत के लाभों और साथ ही इसके समक्ष प्रमुख चुनौतियों का परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)

11 Jul 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | सामाजिक न्याय

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

• भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की स्थिति तथा बीमा आधारित प्रभावी मॉडल की आवश्यकता के बारे में लिखिये।

• आयुष्मान भारत के उद्देश्य, लक्ष्यों व लाभों का संक्षिप्त परिचय दीजिये।

• इसकी अन्य बीमा योजनाओं के साथ तुलना कीजिये।

• इस योजना को लागू करने में आने वाली चुनौतियों को लिखिये।

• इस योजना के औचित्य व लोगों के जीवन पर प्रभाव के साथ निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार, भारत में स्वास्थ्य बीमा केवल 29% परिवारों को कवर करता है जो कि बहुत कम है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के लक्ष्यों में एक सभी के लिये सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना है। आयुष्मान भारत योजना इस दिशा में सार्थक प्रयास है।

प्रमुख बिंदु:

आयुष्मान भारत के प्रमुख घटक व उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  • स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र: इसके अंतर्गत 1.5 लाख केंद्र समग्र स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाएंगे गैर संचारी रोगों व माता तथा शिशु की देखभाल भी इन केंद्रों के माध्यम से की जाएगी।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना): यह योजना गरीब व समाज के सुमेद्य वर्गों को बीमा सुविधा प्रदान करती है।

पूर्ववर्ती योजनाओं की तुलना में आयुष्मान भारत के लाभ

  • विस्तृत कवरेज: यह योजना 10 करोड़ परिवारों को कवर करेगी जो कि कुल जनसंख्या का 40% है। यह संख्या पूर्ववर्ती ा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के 3.6 करोड़ परिवारों से कहीं अधिक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत 30 हज़ार रुपए प्रतिवर्ष प्रति परिवार का जबकि आयुष्मान योजना के अंतर्गत यह 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष प्रति परिवार के लिये द्वितीयक व तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल का प्रावधान करता है।
  • निजी अस्पतालों की सहभागिता: इस योजना के तहत निजी अस्पताल भी उपचार सुविधा उपलब्ध करवा सकते हैं।
  • इस योजना के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त किया जाएगा। योजना के लिये आवंटित वित्त का कुल 70% भाग प्राथमिक स्वास्थ्य व कल्याण केंद्रों को उन्नत करने हेतु प्रयोग किया जाएगा।
  • यह योजना पूरी तरह कैशलेस व राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबल है जिसका सर्वाधिक लाभ प्रवासी मज़दूरों को मिलेगा।

चुनौतियाँ:

  • स्वास्थ्य अवसंरचना का अभाव: अधिकांश शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों व आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है।
  • प्रशिक्षित मानव संसाधन का अभाव: स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षत स्वास्थय कर्मियों का अभाव है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध नहीं है।
  • बीमा सुविधा का लाभ प्राप्त करने हेतु अनैतिक चिकित्सा गतिविधियों और धोखाधड़ी की रोकथाम करना आवश्यक है।

निष्कर्ष:

इस प्रकार आयुष्मान भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वास्थ्य क्षेत्र का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, यद्यपि इसका इतने बड़े स्तर पर क्रियान्वयन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है परंतु उचित क्रियान्वयन की दशा में यह करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।