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कॉमन सर्विस सेंटर क्या हैं? वे सुशासन की अवधारणा को कैसे बढ़ावा देते हैं?  (250 शब्द)

10 Jul 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

प्रश्न को हल करने का दृष्टिकोण

  • कॉमन सर्विस सेंटर को स्पष्ट कीजिये।
  • इनके लाभों का विवरण दीजिये।
  • स्पष्ट कीजिये कि किस प्रकार कॉमन सर्विस सेंटर सुशासन की अवधारणा को बढ़ावा देते हैं।

परिचय

  • कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की एक पहल है, यह गाँवों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं का वितरण सुनिश्चित करने वाले केंद्र अथवा एक्सेस पॉइंट (Access Point) के रूप में काम करता है, इस प्रकार यह डिजिटल और वित्तीय रूप से समावेशी समाज में योगदान करता है।
  • यह राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) की एक रणनीतिक आधारशिला है, जो राष्ट्रीय सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम में अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में ई-गवर्नेंस को एक बड़े पैमाने पर प्रस्तुत करती है।
  • CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य सीएससी योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करना है। योजना को प्रणालीगत व्यवहार्यता और स्थिरता प्रदान करने के अलावा यह CSC के माध्यम से नागरिकों को सेवाओं की डिलीवरी हेतु एक केंद्रीकृत और सहयोगी रूपरेखा भी प्रदान करता है।

स्वरूप/ढाँचा

कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के लाभ:

  • CSCs ई-शासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन, मनोरंजन के साथ-साथ अन्य निजी सेवाओं के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता और लागत प्रभावी वीडियो, अभिव्यक्ति एवं डेटा सामग्री तथा सेवाएँ प्रदान करते हैं।
  • इनकी प्रमुख विशेषता यह है कि ये ग्रामीण क्षेत्रों में वेब सक्षम ई-गवर्नेंस सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें आवेदन-पत्र; प्रमाण-पत्र; बिजली, टेलीफोन और पानी के बिल, जैसी अन्य उपयोगी भुगतान सेवाएँ भी शामिल हैं।
  • यह सरकार से नागरिक तक (Government-To-Citizen-G2C) की सेवाओं के अलावा कई अन्य प्रकार की सामग्री और सेवाएँ भी उपलब्ध कराते हैं-
    • कृषि सेवाएँ (कृषि, बागवानी, रेशम उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, पशु चिकित्सा)
    • शिक्षा और प्रशिक्षण सेवाएँ (स्कूल, कॉलेज, व्यावसायिक शिक्षा, रोज़गार, आदि)
    • स्वास्थ्य सेवाएँ (टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य जाँच, दवाएँ)
    • ग्रामीण बैंकिंग और बीमा सेवाएँ (माइक्रो-क्रेडिट, ऋण, बीमा)
    • मनोरंजन सेवाएँ (सिनेमा, टेलीविज़न)
    • वाणिज्यिक सेवाएँ (DTP, प्रिंटिंग, इंटरनेट ब्राउज़िंग, ग्राम स्तर पर के BPO)

ये सुशासन की अवधारणा को बढ़ावा देते हैं-

  • जवाबदेही: पूरी प्रक्रिया को सरल, स्पष्ट और पारदर्शी बनाकर नागरिकों की सुरक्षा तथा सूचना के मुक्त प्रवाह को सुगम बनाते हुए शासन में जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है।
  • पारदर्शिता: भ्रष्टाचार का एक महत्त्वपूर्ण कारण सूचनाओं या संसाधनों तक असमान पहुँच होना है। CSC योजना की शुरुआत और ICT के प्रयोग के माध्यम से सभी के लिये सहजता से जानकारी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ताकि पारदर्शिता को बढ़ावा मिल सके।
  • भागीदारी: CSCs को एक परिवर्तनकारी तत्त्व के रूप में स्थापित किया गया है - जो ग्रामीण आबादी पर केंद्रित एक ज़मीनी स्तर के मॉडल के माध्यम से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देगा, ग्रामीण क्षमताओं और आजीविका का निर्माण करेगा, सामाजिक परिवर्तन के लिये सामुदायिक भागीदारी एवं सामूहिक कार्रवाई को सक्षम करेगा।
  • प्रभावी और कुशल: इनका उद्देश्य एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करना है जो सरकारी, निजी और सामाजिक क्षेत्र के संगठनों को आईटी आधारित तथा गैर-आईटी आधारित सुविधाओं के माध्यम से देश के दूरस्थ स्थानों में बसी ग्रामीण आबादी को लाभान्वित कर सके। साथ ही ये संगठन ग्रामीण आबादी के लाभ के लिये अपने सामाजिक एवं वाणिज्यिक लक्ष्यों को संरेखित करने में सक्षम हो सकें।
  • आसान और एकीकृत सेवा वितरण: CSC योजना एकीकृत तरीके से भारत के ग्रामीण नागरिकों के लिये सरकारी, निजी और सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं हेतु फ्रंट-एंड डिलीवरी स्थलों के रूप में कार्य करेगी।
  • उत्तरदायित्व: शासन प्रक्रिया में शामिल लोगों को जब उचित समय-सीमा में आवश्यक सेवाएँ और जानकारी उपलब्ध कराई जाती हैं, तो वे अधिक उत्तरदायी और सक्षम हो जाते हैं। ऐसे में CSCs सेवाओं की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते हैं।
  • समानता और विशिष्टता: यह सभी के लिये समान अवसर सुनिश्चित करते हैं और नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भी मदद करते हैं। CSCs अपनी व्यापक पहुँच के कारण समावेशिता को भी बढ़ावा देते हैं।

निष्कर्ष:

  • ग्रामीण क्षेत्रों/बाज़ारों में वाणिज्यिक या किसी अन्य प्रकार के लाभ हेतु विभिन्न हितधारकों जैसे कि राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, अन्य संस्थानों/संगठनों की सक्रिय भागीदारी से इस वृहद् उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है।