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  • 09 Jul 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    नीति आयोग ने संघवाद की भावना को बढ़ावा देने की अपनी भूमिका में कैसे सुधार किया है? प्रासंगिक उदाहरणों के साथ परीक्षण कीजिये। (250 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • नीति आयोग के दृष्टिकोण और प्रमुख विचारों को लिखिये।

    • नीति आयोग ने अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से कैसे संघवाद को बढ़ावा देने में सकारात्मक भूमिका निभाई है, उल्लेख कीजिये।

    • इसकी आलोचना करते हुए बताइये कि यह भारतीय राजनीति की संघीय प्रकृति को कैसे रेखांकित करता है।

    • इसकी भूमिका के बारे में अपने स्वयं के विश्लेषण से निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    1 जनवरी, 2015 को थिंक टैंक के रूप में अस्तित्त्व में आए नीति आयोग का मुख्य कार्य न्यू इंडिया के निर्माण का विज़न एवं इसके लिये रणनीतिक मसौदा बनाना तथा कार्य-योजनाएँ तैयार करना है। केंद्र सरकार की नीति निर्धारण संस्था के रूप में नीति आयोग देश भर से सुझाव आमंत्रित करके जनभागीदारी एवं राज्य सरकारों की भागीदारी से नीतियाँ बनाने का काम करता है।

    प्रमुख बिंदु:

    सकारात्मक भूमिका:

    • प्रतिस्पर्द्धी सहयोगी संघवाद को बढ़ावा देना: नीति आयोग ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ व समावेशी विकास के दृष्टिकोण के साथ राज्यों की क्षमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से अनेक योजनाओं का निर्माण किया।
    • आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम द्वारा केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का सम्मिलन, सहयोग व ज़िलों के मध्य प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देकर समावेशी विकास को प्रोत्साहन देना।
    • ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के द्वारा देश की एकता को प्रोत्साहन देना।
    • मानव पूंजी के रूपांतरण के लिये स्थायी कार्यक्रम (Sustainable Action for Transforming Human Capital, SATH) के माध्यम से शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र का रूपांतरण करना।

    आलोचना:

    • नीति आयोग के पास वित्तीय अधिकारों का अभाव है।
    • नीति आयोग की शासी परिषद प्रधानमंत्री के नियंत्रण में है जो शक्तियों के केंद्रीयकरण का आभास देती है।
    • नीति आयोग द्वारा राज्य सरकारों की अनदेखी कर जिलाधिकारियों को सीधे निर्देश देने जैसी घटनाएँ संघवाद की भावना को कमज़ोर करती हैं।

    निष्कर्ष:

    • संविधान के अनुच्छेद-263 के तहत गठित अंतर्राज्यीय परिषद उपयुक्त संशोधनों द्वारा नीति आयोग के शासकीय ढाँचे में मौजूद कमियों को दूर करने के लिये उपयुक्त मंच हो सकता है।
    • सहकारी संघवाद व नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देकर नीति आयोग देश की शासन प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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