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प्राचीन और मध्यकालीन भारत में विभिन्न स्थापत्य रूपों के निर्माण ने संरक्षक की शक्ति, धन और भक्ति का प्रदर्शन किया। टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)

05 Jul 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | संस्कृति

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

• शासकों के धन, उनकी शक्ति व भक्ति को दर्शाने वाले वास्तु निर्माण का परिचय दीजिये।

• वास्तु निर्माण पर शासकों का प्रभाव किस प्रकार दिखाई देता है वर्णन कीजिये।

• वर्तमान समय के कुछ उदाहरणों सहित निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

  • प्राचीन काल से ही शासकों ने वास्तु निर्माण के द्वारा अपनी शक्ति, धन व भक्ति का प्रदर्शन किया है। यह वास्तु निर्माण शासकों के विचारों, उनके राज्य की सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक संरचना की जानकारी भी प्रदान करते हैं।
  • इस प्रकार के वास्तु निर्माण में स्तूप शिलालेख, महल, धार्मिक स्थल व मकबरे आदि प्रमुख हैं।

प्रमुख बिंदु:

शक्ति का प्रदर्शन

  • स्थापत्य कला का प्रयोग विजय चिह्नों व साम्राज्य के विस्तार के लिये किया जाता था। इसमें अकबर द्वारा गुजरात पर विजय पाने के उपलक्ष्य में बुलंद दरवाज़ा का निर्माण कराया गया। और अशोक द्वारा स्तंभों व शिलालेखों का निर्माण कराया गया।
  • स्थापत्य का निर्माण शासकों द्वारा शिल्पकारों व मज़दूरों के जीवन यापन के संरक्षण के उद्देश्य से भी किया जाता था। अजंता व एलोरा इसके उचित उदाहरण है।
  • बड़े स्थापत्य निर्माणों द्वारा शासक अपने धन व समृद्धि का प्रदर्शन करते थे। शाहजहाँ द्वारा आगरा में ताजमहल का निर्माण इसका उदाहरण है।

भक्ति व श्रद्धा का प्रदर्शन:

  • प्रत्येक राजवंश द्वारा अपने शासक के मूल्यों व धर्म संबंधी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिये धार्मिक स्थलों (मंदिरों, मस्जिदों) आदि का निर्माण करवाया जाता था।
  • शासकों द्वारा प्रशासनिक केंद्रों को धार्मिक/तीर्थ स्थानों में परिवर्तित कर आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु भी धार्मिक केंद्रों का निर्माण किया जाता था।
  • स्थापत्य निर्माण शासकों के धार्र्मिक मूल्यों, धार्मिक शिक्षाओं, विचारों के प्रसार के उद्देश्य से करवाया जाता था।
  • अशोक ने धम्म का प्रसार करने के लिये शिलालेखों को स्थापित करवाया।
  • फतेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह का निर्माण चिश्तियों व मुगलों के मध्य निकटता बनाने के लिये करवाया गया।
  • मौर्य शासकों द्वारा कराए गए चैत्य व विहारों का निर्माण मौर्यों के धार्मिक झुकाव को दर्शाता है।

निष्कर्ष

विभिन्न काल में शासकों ने भव्य निर्माण व स्थापत्य कला के प्रदर्शन द्वारा तत्कालीन धन, शक्ति व भक्ति के प्रदर्शन के साथ ही अपने राजनीतिक विचारों व व्यवस्था का प्रदर्शन किया। वर्तमान समय में भी यह प्रथा प्रचलित है, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का निर्माण इसी क्रम में किया गया है।