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भारत के स्वतंत्रता संग्राम में रॉयल इंडियन नेवी के विद्रोह के महत्त्व को समझाइये । यह पहले हुए अन्य आंदोलनों से किस प्रकार अलग था? (250 शब्द)

26 Jun 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | इतिहास

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण

• रॉयल इंडियन नेवी के विद्रोह परिचय का संक्षिप्त दीजिये।

• विद्रोह का कारण

• स्वतंत्रता आंदोलन में महत्त्व

• निष्कर्ष

परिचय: रॉयल इंडियन नेवी (भारतीय शाही सेना) ने 18 फरवरी, 1946 को मुंबई ब्रिटिश शासन के विरूद्ध में हड़ताल की तथा जूलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उन्होंने जहाजी बेड़ों पर तिरंगा फहराया तथा नाविकों की मांग के समर्थन में सामान्य भारतीयों ने भी उनका साथ दिया।

संरचना:

विद्रोह का कारण

  • भारतीय नाविकों के साथ नस्लवादी भेदभाव तथा उन्हें अंग्रेज़ सैनिकों से कम वेतन दिया जाना।
  • भारतीय नाविकों को अखाद्य भोजन दिया जाता था जिसके उनमें रोष उत्पन्न हुआ।
  • आज़ाद हिंद फौज पर ब्रिटिश सरकार द्वारा मुकदमा चलाए जाने के कारण नाविकों में आक्रोश।
  • इंडोनेशिया में भारतीय सेना का प्रयोग ब्रिटिश औपनिवेशिक हित में किया जाना जिसे नाविकों ने वापस बुलाने की मांग की।
  • एक नाविक द्वारा एच.एम.आई.एस. तलवार की दीवार पर ‘अंग्रेज़ो भारत छोड़ो’ लिखने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया जिससे नाविकों में विद्रोह भड़की की भावना उत्पन्न हुई।

नाविक विद्रोह का स्वतंत्रता आंदोलन पर प्रभाव

  • इस विद्रोह का जनता के मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ा। और इसके मनोबल में वृद्धि हुई।
  • नाविकों के विद्रोह से भारतीय जनता के बेेखौफ लड़ाकूपन की क्षमता प्रदर्शित हुई।
  • रॉयल इंडियन नेवी के विद्रोह से अंग्रेज़ो को आशंका होने लगी कहीं यह 1857 के विद्रोह तथा उन्हें लगा की सेना पर उनका नियंत्रण कमज़ोर हो रहा है।
  • इस विद्रोह के चलते आज़ाद हिंद फौज के केवल उन्हीं सैनिकों पर मुकदमा चलाया गया जो अपराधों में शामिल थे।
  • इंडोनेशिया व हिन्द-चीन से भारतीय सेना को वापस बुला लिया गया।

निष्कर्ष:

  • यह विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय सेना के योगदान के साथ-साथ सभी वर्गों में ब्रिटिश सरकार के प्रति आक्रोश को दर्शाता है। यह विद्रोह अंग्रेज़ों की दमनकारी नीति के विरुद्ध निर्भिकता का प्रदर्शन था।