Be Mains Ready

आप एक वरिष्ठ वन अधिकारी हैं जिन्हें हाल ही में एक वन रेंज में तैनात किया गया है, जिसमें एक वन्यजीव अभयारण्य और स्थानीय पहाड़ी जनजातियों का तीर्थ स्थल है। अभयारण्य एक प्रसिद्ध ट्रेकिंग स्थल है, लेकिन केवल पुरुषों के लिये ही खुला है क्योंकि स्थानीय आदिवासी संस्कृति में महिलाओं को पहाड़ी स्थल पर उनके देवता के घर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। हाल ही में, राज्य उच्च न्यायालय ने महिलाओं पर लगाए गए इस अनौपचारिक प्रतिबंध को हटा दिया है, महिलाओं के एक समूह द्वारा सभी के लिये ट्रेकिंग साइट को खोलने का दबाव डाले जाने पर जबकि स्थानीय आदिवासी समूह इसका विरोध करता है। आपको डर है कि ट्रेकिंग साइट खोलने से आदिवासियों का विरोध बढ़ सकता है, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और साइट पर ट्रेकर्स की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

1. इस परिदृश्य में आपके लिये क्या विकल्प उपलब्ध हैं? इन विकल्पों के गुणों और अवगुणों के साथ चर्चा कीजिये ?

2. इस स्थिति में आप कौन सी उचित कार्रवाई करेंगे और क्यों?

22 Jun 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | केस स्टडीज़

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण

• उपरोक्त परिस्थिति में हितधारकों की पहचान कीजिये।

• नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिये।

• उपरोक्त स्थिति में हितधारकों के विविध अधिकार व कानूनों की पहचान कीजिये।

• उपरोक्त परिस्थिति में उपलब्ध विकल्पों को उनके गुणों व अवगुणों के आधार पर लिखिये।

• इस स्थिति में उचित कार्यवाही का उसके कारण सहित उल्लेख कीजिये।

परिचय:

उपरोक्त परिस्थिति का संक्षिप्त परिचय दीजिये।

हितधारक:

  • स्थानीय पहाड़ी जनजातियाँ, महिलाएँ समूह, एन.जी.ओ., राज्य प्रशासन, ट्रेकर्स के रूप में पर्यटक आदि।
  • उपरोक्त परिस्थिति में शामिल नैतिक मुद्दे
  • धार्मिक मान्यताएँ
  • लैंगिक आधार पर भेदभाव
  • विचरण की स्वतंत्रता
  • गरिमा
  • अंधविश्वास का उन्मूलन
  • जनजातियों के अधिकार व परंपराएँ।
  • विधिक अधिकार व कानून
  • समानता का अधिकार (अनुच्छेद-14)
  • सार्वजनिक स्थान पर आवागमन हेतु समानता (अनुच्छेद-15)
  • भाषायी अथवा सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण का अधिकार (अनुच्छेद-29)
  • आस्था व विश्वास की स्वतंत्रता (संविधान की प्रस्तावना)

उपरोक्त परिदृश्य में संभावित विकल्प:

पहला विकल्प: आदिवासियों की सांस्कृतिक परंपराओं व मान्यताओं के संरक्षण हेतु व उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए महिलाओं व महिला दबाव समूहों को समझा-बूझा कर महिलाओं के वन में प्रवेश को रोकने का प्रयास किया जा सकता है।

निर्णय के गुण:

  • इस निर्णय से यथास्थिति कायम रहेगी तथा क्षेत्र की व्यापक स्तर पर कानून व्यवस्था को बिगड़ने से रोका जा सकता है।
  • दबाव समूहों
  • आदिवासियों की परंपराओं व संस्कृति का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

निर्णय के अवगुण:

  • इस निर्णय से उच्च न्यायालय की अवमानना होगी, क्योंकि उसके न्याय निर्णयन का अनुपालन सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है।
  • महिलाओं को संविधान प्रदत समानता के अधिकार (अनुच्छेद-21) का पालन सुनिश्चित नहीं हो रहा है।
  • यह निर्णय प्रशासक के रूप में एक अपरिपक्व निर्णय होगा। इसके साथ ही यह प्रशासनिक विफलता को भी दर्शाता है।
  • दूसरा विकल्प: इस विकल्प में आदिवासियों को उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करने के लिये बाध्य किया जाए तथा उन्हें विरोध करने की स्थिति में गंभीर कानूनी कार्यवाही भुगतने की चेतावनी दी जाएगी।

इस निर्णय के गुण:

  • उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करवाया जा सकेगा। जिस कारण प्रशासक के रूप में मेरी उपलब्धि गिनी जा सकती है।
  • महिलाओं को उनके विचरण की स्वतंत्रता का मूल अधिकार प्राप्त हो जाएगा। इस निर्णय से लैंगिक समानता की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा।

इस निर्णय के अवगुण:

  • यह आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान पर संकट तथा उनकी परंपराओं का अनादर होगा।
  • संविधान द्वारा भाषायी अल्पसंख्यकों व अधिकारों को संरक्षित करने हेतु उपलब्ध प्रावधानों का अतिक्रम होगा।
  • आदिवासियों द्वारा विरोध करने की स्थिति में यह निर्णय वन रेंज के क्षेत्र में संघर्ष व अव्यवस्था हेतु भी उत्तरदायी हो सकता है।
  • तीसरा विकल्प: इस विकल्प में आदिवासियों के वरिष्ठ नेतृत्व व महिला समूहों के वरिष्ठ सदस्यों को शामिल कर इन महिलाओं को वन में प्रवेश करने के उपायों पर विचार-विमर्श कर उनका वन में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। वहीं सुरक्षा व्यवस्थाओं को भी अलर्ट पर रखा जाएगा जिससे किसी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। इस कार्य समूह समिति के समक्ष ट्रैकर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु भी विचार-विमर्श किया जायेगा।

निर्णय के गुण

  • इसमें दोनों पक्षों को शामिल कर परस्पर विश्वास की स्थिति बनाई जा सकेगी, जो कि विरोध व अन्य किसी अप्रिय स्थिति को रोकने में सफल होगी।
  • सभी पक्षों की सहमति से लागू होने के कारण यह व्यवस्था लंबे समय तक सुचारू हो सकेगी तथा देश में लैंगिक समानता को दिशा के एक उदाहरण स्थापित किया जा सकेगा।
  • इसमें आदिवासियों में उच्च न्यायालय की न्यायिक प्रक्रिया की समझ विकसित करनेे में सहायता मिलेगी, जो भविष्य में भी उन्हें कानूनी प्रक्रिया के विरूद्ध जागरूक करने में सहायक होगा।
  • इससे महिलाओं को भी निर्णय क्रियान्वयन में शामिल कर महिला सशक्तीकरण का उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकेगा।

मैं इस स्थिति के तीसरे विकल्प का प्रयोग करूँगा। इसके निम्नलिखित कारण हैं:

  • इस निर्णय से विरोध की संभावनाएँ न्यून रहेंगी तथा शांतिपूर्वक महिलाओं को वनों में प्रवेश करवाया जा सकेगा।
  • इस निर्णय से ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
  • यह निर्णय संविधान के मूल्यों, उच्च न्यायालय का सम्मान व प्रशासनिक मूल्यों के संरक्षण व संविधान में सहायक होगा।
  • यह निर्णय महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया में शामिल कर लैंगिक समानता व महिला सशक्तीकरण जैसे संवैधानिक व सामाजिक मूल्यों को बल प्रदान करेगा।