यदि देश को अपने रणनीतिक और विकासात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करना है, तो यह संकुचित हो रहे विनिर्माण क्षेत्र का जोखिम नहीं उठा सकता है। टिप्पणी कीजिये।
11 Jun 2019 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | अर्थव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण
- आँकड़े देते हुए स्पष्ट करें कि भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में लगातार मंदी की स्थिति बनी हुई है; साथ किसी देश के विकास प्रोफाइल में विनिर्माण का क्या महत्त्व होता है, को संक्षेप में स्पष्ट करें।
- भारत में वर्तमान विनिर्माण व्यवस्था के संदर्भ में उभरते मुद्दों पर प्रकाश डालें।
- भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने का आर्ग बताएं।
मुख्य बिंदुः
- विनिर्माण क्षेत्र की भारतीय अर्थव्यवस्था में भागीदारी स्थिर वर्ष 1980 में 18% तथा 2019 में 18-2% बनी हुई है। वर्ष 1991 के आर्थिक सुधारों के पश्चात् भी यह दर स्थिर बनी हुई है।
भारत के विनिर्माण क्षेत्रक से संबधित मुख्य बिंदुः
- विनिर्माण उद्योग की निम्न उत्पादकता तथा आधुनिक उत्पादक प्रौद्योगिकी का अभाव।
- कुशल कार्यबल के अभाव के कारण उत्पादन की गुणवता में कमी।
- जटिल तथा प्रतिबंधात्मक श्रम कानूनों की उपस्थिति।
- विनिर्माण इकाइयों से संबंधित अवसंरचना का अभाव।
- उत्पादन लागत का उच्च होना जिस कारण विनिर्माण उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा की स्थिति में संकट का सामना करते है।
- औद्योगिकी इकाई प्रारंभ करने हेतु जटिल व लंबी सरकारी प्रक्रिया।
- भारतीय विनिर्माण इकाइयाँ वैश्विक व्यापार संघर्ष तथा चीन व आसियान देशों के सस्ते उत्पादों के कारण संकट का सामना करती हैं।
- विनिर्माण क्षेत्र में अनुसंधान व नवोन्मेष का अभाव है।
आगे की राहः
- कौशल विकास के द्वारा कुशल पेशेवर श्रमिक तैयार करना।
- श्रम कानूनों को लचीला बनाना।
- पर्यावरणीय अनुमति तथा लाइसेंस आदि की प्रक्रिया को सरल बनाना।
- विनिर्माण इकाइयों के क्लस्टर तथा विशेष आर्थिक जोन की स्थापना द्वारा प्रोत्साहन प्रदान करना।
- विनिर्माण इकाइयों को वित्तीय तथा कर प्रोत्साहन प्रदान किया जाना चाहिये।
- विनिर्माण इकाईयों को निर्यात आधारित उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने की आवश्यकता है।
- विनिर्माण उद्योग में नवोन्मेष को प्रोत्साहन प्रदान किये जाने की आवश्यकता है।